Jahangirpuri Violence Conspirator: पुलिस के बीच घिरा, मुस्कुराता, पुष्पा (Pushpa) का सिग्नेचर स्टाइल देता यह शख्स जहांगीरपुरी हिंसा (Jahangirpuri Violence) का मुख्य आरोपी है. जिसे रविवार को पुलिस कोर्ट में पेश करने जा रही थी. कैमरे के सामने आते ही अंसार ने 'पुष्पा' (Pushpa) फिल्म के 'मैं झुकेगा नहीं..' वाले स्टाइल में पोज दिया. सोशल मीडिया (Social Media) पर भी यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है. कई लोग इसे शेयर करते हुए 'बेशर्म, पुलिस कस्टडी में भी अकड़ कम नहीं हुई' जैसी बातें लिख रहे हैं.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अंसार को पहले से पता था कि शोभा यात्रा किधर से निकलेगी और उसी ने हिंसा की साजिश रची. दिल्ली की एक अदालत ने अंसार और हिंसा के एक अन्य आरोपी, 21 साल के असलम को सोमवार तक पुलिस कस्टडी में भेजा है. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि अंसार कौन है, क्या करता है, ट्रैक रिकॉर्ड क्या है?
पुलिस ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक 35 वर्षीय मोहम्मद अंसार पुत्र अलाउद्दीन जहांगीरपुरी के बी ब्लॉक का रहने वाला है. मोहम्मद अंसार का जन्म जहांगीरपुरी की झुग्गी बस्ती में ही हुआ था. अंसार सिर्फ चौथी कक्षा तक पढ़ा है और पेशे से कबाड़ी है. इसकी पत्नी का नाम सकीना है.
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अंसार पहले भी दो मामलों में संलिप्त रहा है. जिसमें उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी. इसके साथ ही आर्म्स एक्ट और जुआ अधिनियम के तहत 5 बार मामला दर्ज किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने 20 फरवरी 2009 को इसका डोजियर तैयार किया था. इसके मुताबिक, पहले मामले में इसे चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया था और इसके खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा लगाई गई थी. वहीं, दूसरा मामला जुलाई 2018 का है. जिसमें सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और सरकारी काम में बाधा डालने की धारा लगाई गई थी.
हालांकि अंसार की बीवी शकीना ने मीडिया से बात करते हुए अपने पति को बेकसूर बताया. शकीना का दावा है कि लड़ाई की जानकारी मिलने पर अंसार मामला सुलझाने गया था.
NDTV ने पड़ोसी मिसेज कमलेश गुप्ता से बात कर जानना चाहा कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले अंसार अपने पड़ोसियों के साथ कैसे रहते हैं? इसके जवाब में उन्होंने बताया कि वह इस इलाके में 11-12 सालों से रह रही हैं. यहां कभी भी हिंदू-मुस्लिम दंगे जैसी बात नहीं हुई. आधी रात को भी अगर मदद की जरूरत पड़ी है तो वह सभी धर्म के लोगों के लिए खड़े रहे हैं. सबकी मदद ही की है. कहीं अगर लड़ाई भी हुई है तो उन्होंने सुलझाया है.
शनिवार की घटना को लेकर जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि तब गली में भंडारा हो रहा था. लड़ाई की जब खबर मिली तो वह सुलह करवाने निकले थे. उनकी तबीयत खराब रहती है. हमने भी रोका कि भैया मत जाओ. लेकिन उन्होंने कहा कि अगर मेरे जाने से लड़ाई खत्म हो जाए तो कितनी अच्छी बात है.
सोशल मीडिया पर कुछ पुराने वीडियो भी मिले हैं. जिसमें दिख रहा है कि वह एक नाबालिग हिंदू लड़के को मिल-जुल कर रहने के लिए समझा रहे हैं. एक बार पूरे वीडियो को देखते हैं और सुनते हैं कि कैसे लड़के के हाथ से चाकू लेकर उसे प्यार से रहने की बात कही जा रही है.
हालांकि पुलिस एफआईआर के मुताबिक शनिवार को शोभायात्रा शांतिपूर्ण तरीके से चल रही थी. शाम 6 बजे, शोभायात्रा सी-ब्लॉक जामा मस्जिद के पास पहुंची. तभी अंसार नाम का यह शख्स 4-5 लोगों के साथ वहां पहुंचा और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस करने लगा. बहस बढ़ने के बाद दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया और शोभायात्रा में भगदड़ मच गई.
हाल के दिनों में पुलिस को लेकर लोगों में विश्वसनीयता काफी कम हुई है. पड़ोसियों के बयान और ट्विटर पर वायरल हो रहे पुराने वीडियो भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं. लेकिन इंतजार करना होगा कि अदालती कार्रवाई में अंसार बेगुनाह साबित होता है या फिर दोषी....