गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बॉलीवुड स्टार आमिर खान के बेटे जुनैद की पहली फिल्म 'महाराज' पर छाए मायूसी के बादल हो आखिरकार हटा दिए हैं और ये फिल्म रिलीज हो गई है. फिल्म मेकर्स, जुनैद खान और नेटफ्लिक्स के लिए राहत की खबर है. पिछले कई दिनों से इस फिल्म को लेकर विवाद चल रहा था.
अब इस फिल्म की ओटीटी रिलीज पर लगी अंतरिम रोक हटा दी और कहा कि फिल्म में कुछ भी अपमानजनक नहीं है और नहीं किसी को टारगेट करने वाली सामग्री है. आरोप निराधार है. पहले ये फिल्म 14 जून को रिलीज होने जा रही थी लेकिन फिल्म की रिलीज से ऐन पहले इस पर रोक लगा दी गई. अब ये फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है.
आरोप लगाया गया कि 'महाराज' फिल्म में साधुओं को नेगेटिव रोल में दिखाया गया है. इस फिल्म से दर्शकों के एक वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है. इससे कानूनी व्यवस्थाओं की स्थिति भी पैदा हो सकती हैं.
बजरंग दल ने अपनी याचिका में फिल्म की रिलीज पर रोक के अलावा अदालत की निगरानी में एक स्पेशल कमिटी के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग करवाने की मांग की.
वहीं 'महाराज' को लेकर हो रहे विवाद को देखते हुए मेकर्स ने फिल्म को बिना प्रमोशन के और टीजर के OTT पर रिलीज करने का फैसला किया था.
नेटफ्लिक्स पर यह फिल्म 14 जून को रिलीज के लिए तैयार थी, लकिन विवाद के बाद इसे लेकर यूजर्स ने नेटफ्लिक्स का बायकॉट करना शुरू कर दिया था.
फिल्म महाराज एक सच्ची कहानी पर आधारित बताई जा रही है और इसमें जुनैद के अपोजिट जयदीप अहलावत हैं. ये फिल्म 1862 के महाराज लिबेल केस पर आधारित है, जिसे भारत की सबसे महत्वपूर्ण कानूनी लड़ाइयों में से एक माना जाता है, फिल्म में जुनैद पत्रकार और समाज सुधारक करसनदास मुलजी की भूमिका में हैं, जबकि अहलावत वल्लभाचार्य संप्रदाय के प्रमुखों में से एक जदुनाथजी बृजरतनजी महाराज की भूमिका निभाते नजर आएंगे.
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