आज कुछ ऐसी ऐसी फिल्मों के बारें में बात करेंगे, जिनके कंटेंट लोगों ने काफी पसंद किया और बॉक्स आफिस पर चली भी, लेकिन एकेडमी अवार्ड्स के लिए नॉमिनेट होने में नाकाम रही. अभी हाल ही में 'RRR' के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. ये फिल्म इस साल अकादमी पुरस्कारों के लिए भारत की ऑफिशियल एंट्री के रूप में सेलेक्ट होने में विफल रही. फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) ने 'RRR' के बजाय गुजराती फिल्म 'छेलो शो' (Chhello Show) को चुना. ये पहली बार नहीं है. 1957 से भारत ऑस्कर के लिए ऑफिशियल एंट्रीज भेज रहा है और 6 दशकों से चयन को लेकर विवाद जारी है. तो आइए जानते हैं ऐसी फिल्मों के बारें में जिनके हाथ मायूसी लगी.
2022: 'RRR' को पछाड़ा 'छेलो शो' ने ('Chhelo Show' beats 'RRR')
कुछ समय पहले रिलीज हुई फिल्म 'RRR' ऐसी ऐसी भारतीय फिल्म थी, जिसने अमेरिका पर सबसे बड़ी सांस्कृतिक छाप छोड़ी है. 'मार्वल' के डायरेक्टर्स से लेकर आम प्रशंसकों तक इस फिल्म को लेकर ऐसी दीवानगी थी कि फिल्म के लिए ऑस्कर की दौड़ में समर्थन जुटाना आसान लग रहा था, लेकिन FFI ने सिनेमा के लिए एक युवा लड़के के फिल्मों के क्रेज पर आधारित फिल्म 'छेलो शो' को बेहतर समझा. कई लोगों ने कमेंट किया कि RRR की लोकप्रियता के बावजूद, 'छेलो शो' एक अच्छा विकल्प नहीं था.
2019: 'तुम्बाड' की 'गली ब्वॉय' से भिड़ंत ('Tumbbad' clashes with 'Gully Boy')
सोहम शाह की फिल्म 'तुम्बाड' को अब तक की सबसे महान भारतीय हॉरर फिल्मों में से एक के रूप में माना गया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी, द हॉलीवुड रिपोर्टर और रॉयटर्स जैसे प्रकाशनों ने इसकी तारीफ की. इसने विश्व स्तर पर एक जगह बनाई. लेकिन FFI ने 'तुम्बाड' के बजाय ऑस्कर में भेजने के लिए 'गली ब्वॉय' को चुना, जिसकी खूब आलोचना हुई. रणवीर सिंह-स्टारर फिल्म 'गली ब्वॉय' हिट तो थी लेकिन हालीवुड फिल्म '8 मील' की कॉपीकैट बनी इस फिल्म को अकादमी द्वारा फ्रेश सब्जेक्ट की फिल्म माना जाना सबको चौंकाने वाला था.
2013 : 'द लंचबॉक्स' बनाम 'द गुड रोड' ('The Lunchbox' vs. 'The Good Road')
कान फिल्म समारोह में जब 'द लंचबॉक्स' का प्रीमियर हुआ, तो रितेश बत्रा की इस फिल्म को साल की सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म के रूप में सराहा गया. अंत में FFI ने गुजराती फिल्म 'द गुड रोड' को ऑस्कर की दौड़ के लिए चुना. कई लोगों ने इस विकल्प का मजाक उड़ाया कि 'द गुड रोड' अमेरिका में रिलीज भी नहीं हुई थी. लंचबॉक्स के डायरेक्टर रितेश बत्रा ने FFI को गुस्से में एक ओपेन लेटर भी लिखा था.
2007: 'एकलव्य: द रॉयल गार्ड' ने हराया 'धर्म' को ('Eklavya: The Royal Guard' defeated 'Dharma')
फिल्म 'धर्म' एक रूढ़िवादी हिंदू पुजारी के रूप में पंकज कपूर मेन रोल में नजर आते हैं, ये एक क्लासिक फिल्म है, जिसमें सांप्रदायिक दंगों के दौरान एक मुस्लिम लड़के की देखभाल के चलते पंकज खुद को फंसा पाते हैं. फिल्म ने कई पुरस्कार जीते. अंत में, ये फिल्म 'एकलव्य: द रॉयल गार्ड' से हार गई.
'स्वदेश' के बजाय 'पहेली' ('Paheli' instead of 'Swades')
आशुतोष गोवारिकर की 'स्वदेस' में वे सभी चीजे थीं जो ऑस्कर जूरी पसंद करते हैं. ये फिल्म नासा के एक इंजीनियर के अपने गांव वापस जाने और उन्हें बिजली पैदा करने में मदद करने के बारे में थी. लेकिन FFI ने ना जाने क्या सोच कर 'पहेली' फिल्म को चुना, जिसे भारत में कुछ खास पसंद नहीं किया गया था. ये आज भी एक रहस्य बना हुआ है.
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