Sushmita Sen: मिस यूनिवर्स और बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन अपनी खूबसूरती के लिए बहुत फेमस हैं. उनकी अवाज से लेकर उनका बड़े स्क्रिन पर अभिनय हर किसी को दिवाना बना देता है. हाल ही में रिलीज हुई उनकी वेब सीरीज ताली देख कर हर कोई उनकी एक्टिंग का मुरीद हो गया है. शो में सुष्मिता सेन ने 'गौरी' नाम की ट्रांसजेंडर की कहानी को जिस तरह से फैन्स के सामने रखा है वो तारीफ के काबिल है. सुष्मिता से पहले किसी भी एक्ट्रेस ने 'ट्रांसजेंडर' का रोल निभाने का साहस नहीं किया था. अब तक एक्टर्स ने ही ट्रांसजेंडर की कहानी पर्दे पर दिखाई. सीरीज में सुष्मिता ने गणेश और गौरी का रोल जितनी खूबसूरती के साथ प्ले किया उसकी तारीफ बनती है.
मिडडे को दिए गए एक इंटरव्यू में सुष्मिता सेन ने बताया कि उनके लिए यह आसान नहीं था. गणेश के लिए उन्हें मर्द की तरह दिखना था जिसके लिए एक्ट्रेस ने सीने पर कसकर पट्टियां बांधी थीं ताकि उनका फिजिक आदमियों की तरह दिखाई दे सके. वहीं गणेश के रोल के लिए एक्ट्रेस को क्रॉच गार्ड तक पहनना पड़ा था. सुष्मिता सेन को गौरी सावंत के किरदार को बखूबी निभाने के लिए अपना वजन भी बढ़ाया पड़ा.
इतना ही नहीं गौरी जैसी आवाज के लिए भी सुष्मिता सेन को मेहनत करनी पड़ी. उन्हें अपनी आवाज को काफी भारी करनी पड़ी थी. सीरीज मेकर अर्जुन-कार्तिक के मुताबिक सुष्मिता सेन ने करीब 6 महीने तक स्क्रिप्ट पढ़ी थी, और वह गौरी सावंत को गहराई से समझने की कोशिश कर रही थीं.
सिर्फ सीरीज या फिल्म के लिए ही नहीं एक्ट्रेस अपने हर काम को इतने ही पेशन के साथ करती हैं. एक बार शो 'जीना इसी का नाम है' में एक्ट्रेस ने बताया था कि कैसे पैसे न होने की वजह से उनका मिस इंडिया का विनिंग गाउन घर पर ही तैयार किया गया था. एक्ट्रेस ने शो में बताया था कि 'जब मैं मिस इंडिया के लिए गई तो हमारे पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं डिजाइनर कपड़े पहन के स्टेज पर जाऊं. मुझे 4 कॉस्ट्यूम्स चाहिए थे. हम मिडिल क्लास के लोग थे. मेरी मां ने कहा कि कपड़े देखने थोड़ी आ रहे हैं लोग. वो तो तुम्हें देखने आ रहे हैं, तो हम लोग कपड़े खरीदने सरोजनी नगर मार्किट गए थे. फिर उसके बाद हमारे नीचे गराज में एक पेटीकोट सीने वाला आदमी था उनको जाके थमा दिया और कहा कि ये ड्रेस टीवी पर आने वाला है अच्छा बनाना. तो उन्होंने उस कपड़े के मेरा Winning gown तैयार किया था.’
एक्ट्रेस ने आगे बताया, 'मां ने बचे हुए कपड़े को मोड़ के एक फूल बनाया मेरे गाऊन के लिए और साथ ही मेरी मां एक ब्रैंड न्यू सोक्स खरीद लाई और उनको काट कर काले सोक्स पर इलास्टिक डालकर मैंने गल्वस पहने थे.'
डिजाइन कपड़े न होने के बावजूद अपनी मेहनत और लगन से सुष्मिता ने 1994 में ये खिताब अपने नाम कर लिया था. और ये एक्ट्रेस के लिए सबसे बड़ा दिन था.