Meghna Gulzar Birthday: बॉलीवुड की बेहतरीन डायरेक्टर्स में से एक मेघना गुलजार (Meghna Gulzar) फिल्म राजी, तलवार जैसी कई फिल्मों का डायरेक्शन कर चुकी हैं सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्में डायरेक्ट करने वाली मेघना हमेशा अपनी फिल्मों से सभी का दिल जीत लेती हैं. राइटर-डायरेक्टर मेघना गुलज़ार ने सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने वाली कमर्शियल और गंभीर मुद्दों पर कामयाब फिल्में बनाई हैं.
वो कवि और गीतकार गुलज़ार और एक्ट्रेल राखी गुलज़ार की बेटी हैं. मेघना ने एक लेखक के रूप में अपना करियर शुरू किया, फिर बतौर एक को-डायरेक्टर काम किया और आखिर में अपनी खुद की फीचर फिल्में बनाने लगीं.
आइए एक नजर डालते हैं उनकी डायरेक्ट की गई पांच बेहतरीन फिल्मों पर.
छपाक (Chhapaak-2020)
दीपिका पादुकोण स्टारर, यह फिल्म एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी पर आधारित है. यह एसिड अटैक सर्वाइवर मालती की कहानी बताती है, इसके जरिए खतरनाक एसिड की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई. फिल्म में दीपिका के प्रदर्शन के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार जीता था.
राज़ी (Raazi-2018)
हरिंदर सिक्का के उपन्यास 'कॉलिंग सहमत' पर आधारित, आलिया भट्ट-विक्की कौशल स्टारर सहमत खान के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो इंडियन रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के लिए एक जासूसी करती है. वह भारत के खिलाफ पड़ोसी देश की योजनाओं के बारे में जानने के लिए इकबाल सैयद नाम के एक पाकिस्तानी सेना अधिकारी से शादी करती है.
तलवार (Talvar-2015)
इरफ़ान खान, कोंकणा सेन शर्मा और नीरज काबी स्टारर, यह फिल्म 2008 के आरुषि-हेमराज मर्डर केस पर आधारित है. जिसमें एक टीनएज गर्ल और उसके घर के नौकर की हत्या हो जाती है. मामला तब और उलझ जाता है जब लड़की के माता-पिता हत्या के प्रमुख संदिग्ध बन जाते हैं. फिल्म तीन अलग-अलग एंगल से सीबीआई जांच को दिखाती है. विशाल भारद्वाज को फिल्म की पटकथा के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था.
दस कहानियां (Dus Kahaniyaan-2007)
इस फ़िल्म में दस अलग-अलग कहानियां दिखाईं गई थीं, जिनमें से एक ‘पूरनमासी’ मेघना ने डायरेक्ट की थी. इसमें अमृता सिंह, परमीत सेठी और मिनिषा लांबा लीड रोल में थे. फ़िल्म की कहानी से लेकर डायरेक्शन तक सभी ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा था.
फ़िलहाल... (Filhaal- 2002)
मेघना के डायरेक्शन में बनी यह पहली फिल्म है. फिल्म में सुष्मिता सेन, संजय सूरी और तब्बू हैं. फिल्म की कहानी एक ऐसी महिला के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे पता चलता है कि वह मां नहीं बन सकती. लेकिन, उस महिला की सबसे अच्छी दोस्त उसके लिए आगे आती है और उसके बच्चे की सरोगेट मदर बनने की पेशकश करती है.