बॉलीवुड एक्ट्रेस जिया खान (Jiah Khan) सुसाइड मामले में सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत के न्यायाधीश AS सैय्यद (AS Sayyad) ने शुक्रवार को सूरज पंचोली को 'आत्महत्या के लिए उकसाने' के आरोपों से बरी कर दिया गया. अब जज के स्टेटमेंट की मुख्य बातें सामने आई है.
जस्टिस सैय्यद ने आपने आदेश में कहा कि आरोपी के खिलाफ सबूत अस्पष्ट और सामान्य थे. कोर्ट ने कहा जिया खान ने पहले भी सुसाइड करने का प्रयास किया था, तब सूरज ने ही उन्हें बचाया था. एक्टिंग के कारण सूरज अपना समय जिया को नहीं दे पा रहे. जज ने ये भी माना कि जिया खान अपनी ही भावनाओं की शिकार थीं. इस रिश्ते से बाहर नहीं निकल पा रही थी, इसके लिए सूरज को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकतें.
राबिया खान का इस कारण कमजोर पड़ा केस
जज ने कहा कि जिया आत्महत्या की प्रवृत्ति का शिकार थीं, जिसके बारे में जिया ने कभी नहीं बताया, बल्कि सूरज ने राबिया को बताया था.
कोर्ट ने कहा कि 3 जून 2013 को जिया के सुसाइड वाले दिन ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि सूरज उनके घर पर थे या मिले थे.
जस्टिस सैय्यद ने यह भी कहा कि राबिया के सबूतों ने उल्टा सूरज पंचोली के खिलाफ अभियोजन पक्ष (प्रॉसिक्यूशन) के मामले को कमजोर कर दिया. राबिया ने अपने सबूतों के जरिए यह दिखाने की कोशिश की कि जिया ने कभी आत्महत्या की ही नहीं, बल्कि आरोपी ने उन्हें मार डाला.
जस्टिस एएस सैय्यद ने अपने आदेश कहा कि अभियोजन पक्ष का मामला आत्महत्या का था, जबकि राबिया लगातार यह दावा करती रहीं कि यह हत्या है. दो तरह की बातें कर और सबूत देने की कोशिश कर शिकायतकर्ता (राबिया खाान) ने खुद अभियोजन पक्ष के केस को नष्ट कर दिया.
कोर्ट ने इस मामले में राबिया खान की ओर से FIR दर्ज करवाने में हुई देरी पर भी सवाल उठाए. साथ ही यह कहा कि जिया के घर से जो कथित सुसाइड नोट बरामद हुआ है, वह भी संदेह के घेरे में है.
इन दलीलों से पलटा मामला
सूरज पंचोली के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी थी कि कथित सुसाइड नोट किसी का भी नाम नहीं लिया गया है. वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि जिरह में यह साफ हो गया है कि छह पन्ने के सुसाइड नोट की लिखावट (हैंड राइटिंग) और डायरी में जो लिखावट है, वह मेल खाती है. उस डायरी की लिखावट राबिया खान की थी.
कोर्ट में दलीलें दी गई कि दिवंगत एक्ट्रेस ने सुसाइड किया था. 14 साल की उम्र में भी जिया ने खुद की जिंदगी खत्म करने की कोशिश की थी. लेकिन यह बात राबिया खान ने कोर्ट को नहीं बताई.जबकि जिया ने खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, तब सूरज ने ही उनकी मदद की थी.
कोर्ट में बार-बार यह बात कही गई कि जिया खान अपने काम को लेकर परेशान रहती थीं. मौत से महज दो दिन पहले वह हैदराबाद में ऑडिशन के लिए गई थीं. उनकी मौत के दिन उन्हें लगभग 9:30 बजे एक फोन आया, जिसमें कहा गया था कि उन्हें असाइनमेंट के लिए नहीं चुना गया है. इसके 2-3 घंटे बाद ही वह अपने जुहू वाले फ्लैट में मृत पाई गईं.
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