मार्च के महीने में अगर आप पंजाब (Punjab) के खेतों का नजारा देखेंगे तो हर तरफ सरसों के पीले फूल दिखेंगे, लेकिन 16 मार्च 2022 को भी यही नजारा था बस फर्क ये था कि इस बार ये पीलापन सरसों के फूलों का नहीं सियासी नतीजों की वजह से आया.
पंजाब के नवांशहर में मौजूद खटकड़कलां गांव की ओर जाने वाली हर सड़क पीले रंग में रंगी थी. क्या महिलाएं, क्या पुरुष, क्या बच्चे सभी बसंती रंग में रंगे हुए थे. वजह थी पंजाब के नए मुख्यंमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) की अपील. मान ने कहा कि वो शहीद-ए-आजम भगत सिंह (Bhagat Singh) के गांव में खटकड़कलां में शपथ लेंगे और लोगों से अपील कि सभी भगत सिंह की तरह पीली पगड़ी (Yellow Turban) पहनकर आएं.
महिलाएं भी हो सके तो पीली चुन्नी पहनकर आएं. अपील का असर दिखा और पूरा खटकड़कलां गांव बसंती हो उठा लेकिन सवाल ये है कि क्या वाकई महान क्रांतिकारी भगत सिंह पीली पगड़ी पहनते थे? आखिर पीली पगड़ी और भगत सिंह का कनेक्शन क्या है और क्यों ये पीली पगड़ी पर हम सवाल आखिर कर ही क्यों रहे हैं. हम इन तीनों सवालों का जवाब आपको देंगे.
इसे समझने से पहले आपको बताते हैं कि भगवंत मान की पीली पगड़ी के पीछे क्या दलील है.
भगवंत क्यों पहनते हैं पीली पगड़ी?
भगवंत मान खुद ही कई मौके पर बता चुके हैं कि 2014 में जब वो सांसद बने थे तो जीत का सर्टिफिकेट लेकर वे सीधे खटकड़कला गांव गए थे क्योंकि वे भगत सिंह के प्रति बहुत सम्मान रखते थे. यहां उन्होंने गांव की धरती को नमन किया और ऐलान किया वे अब बसंती रंग की पगड़ी ही पहनेंगे...
बाद में यही उनकी पहचान बन गई. अब बात पहले सवाल की करते हैं. क्या वाकई शहीद-ए-आजम भगत सिंह पीली पगड़ी पहनते थे?
जवाब को तलाशने के लिए हमें भगत सिंह की तस्वीरें देखनी होंगी .. भगत सिंह के जीवन काल में चार ही तस्वीरें खींची गयी थीं ...
पहली तस्वीर- भगत सिंह (उम्र 11 साल)- घर पर सफेद कपड़ों में खिंचाई. पगड़ी सफेद है
दूसरी तस्वीर- भगत सिंह (उम्र 16 साल)- लाहौर के नेशनल कॉलेज में सफेद कुर्ता-पायजामा
तीसरी तस्वीर- भगत सिंह (उम्र 20 साल)- बिना पगड़ी के खुले बालों के साथ चारपाई पर बैठे
चौथी तस्वीर- भगत सिंह (उम्र 23 साल)- इंग्लिश हैट वाली तस्वीर दिल्ली में ली गई है.
जाहिर है ये तस्वीरें रंगीन नहीं थीं फिर इस बात का पता कैसे लगा कि भगत सिंह पीली पगड़ी पहनते थे.
भगत सिंह पीली पगड़ी पहनते थे?
बीबीसी ने एक रिपोर्ट में जेएनयू के मशहूर इतिहासकार चमन लाल के हवाले से दावा किया कि भगत सिंह ने कभी पीली पगड़ी नहीं पहनी. उनके मुताबिक भगत सिंह की चार वास्तविक तस्वीरें ही उपलब्ध हैं जिनमें से किसी में भी उन्होंने पीली पगड़ी नहीं पहनी है.
चमनलाल के मुताबिक भगत सिंह के परिवार, कोर्ट, जेल या सरकारी दस्तावेज़ों से उनकी कोई और तस्वीर उपलब्ध नहीं है. उत्तर भारत के सबसे पुराने अखबार वीर प्रताप के संपादक चंद्रमोहन भी इसकी तस्दीक करते हैं.
ऐसे में सवाल ये है कि आखिर भगत सिंह की ये मशहूर पीली पगड़ी वाली तस्वीर आई कहां से? कुछ लोग मानते हीं कि ये भगत सिंह की काल्पनिक तस्वीर है.
2021 में टेलिग्राफ अखबार में छपी चमन लाल जी की प्रतिक्रिया के मुताबिक .. 1970 के दशक तक देश हो या विदेश, भगत सिंह की हैट वाली तस्वीर ही सबसे अधिक लोकप्रिय थी. सत्तर के दशक में भगत सिंह की तस्वीरों को बदलने का सिलसिला शुरू हुआ.
चमन लाल का कहना है कि भगत सिंह जैसे धर्मनिरपेक्ष शख्स के असली चेहरे को इस तरह प्रदर्शित करना सही नहीं है.
भगत सिंह की पगड़ी पर सवाल 2021 में भी उठे थे ... जब भगत सिंह की 114 वीं जयंति के मौके पर भगत सिंह आर्काइव्स एंड रिसोर्स सेंटर के ऑनेररी सलाहकार चमन लाल ने सरकारी समारोह में भगत सिंह की पगड़ी पहनी काल्पनिक पेंटिग पर नाराजगी जताई थी.
तब सरकार के मंत्री और पूर्व निर्वाचन आयुक्त एम एस गिल ने कहा था कि भगत सिंह की पगड़ी वाली तस्वीर का इस्तेमाल सही है क्योंकि हैट उन्होने अंग्रेजों को चकमा देने के लिए पहनी थी.
भगत सिंह समाजवादी क्रांतिकारी थे वो धार्मिक नहीं थे, और ये बात बताना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि सियासत का चाल चरित्र और चेहरा कई बार ना सिर्फ इतिहास बदल देता है बल्कि विचारधारा पर भी धूल जमाकर नई कहानी लिख देता है.