उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित सीटों में एक रायबरेली सीट से कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने सोनिया गांधी की इस सीट से अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह पर दांव लगाया है.रायबरेली सीट पर 20 मई को मतदान होना है.
इस सीट से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं. 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस यूपी की केवल एक लोकसभा सीट ही जीत सकी थी और वह सीट रायबरेली थी. 2024 के चुनाव में राहुल गांधी के सामने यूपी में गांधी परिवार का अंतिम किला बचाने की चुनौती होगी.
रायबरेली लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास की बात करें तो यह सीट 1957 के आम चुनाव से अस्तित्व में है. 1951-52 के पहले चुनाव में रायबरेली और प्रतापगढ़, दोनों दोनों जिलों को मिलाकर एक लोकसभा सीट हुआ करती थी और तब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे.
रायबरेली सीट के अस्तित्व में आने के बाद फिरोज गांधी ने दूसरे आम चुनाव में इस सीट का रुख कर लिया और चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. इस सीट से चुनाव-उपचुनाव मिलाकर कुल 16 बार कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत मिली है जबकि तीन बार गैर कांग्रेसी उम्मीदवार विजयी रहे हैं. रायबरेली और नेहरू-गांधी परिवार का नाता पुराना है. इस सीट का पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
1952- फिरोज गांधी (कांग्रेस)
1957- फिरोज गांधी (कांग्रेस)
1962- बैजनाथ कुरील(कांग्रेस)
1967- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)
1971- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)
1977- राजनारायण (बीकेडी)
1980- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)
1981-अरुण नेहरू( कांग्रेस) उपचुनाव
1984- अरूण नेहरू (कांग्रेस)
1989- शीला कौल (कांग्रेस)
1991- शीला कौल (कांग्रेस)
1996- अशोक सिंह (भाजपा)
1998- अशोक सिंह (भाजपा)
1999- कैप्टन सतीश शर्मा(कांग्रेस)
2004- सोनिया गांधी (कांग्रेस)
2006-सोनिया गांधी (कांग्रेस) उपचुनाव
2009- सोनिया गांधी (कांग्रेस)
2014-सोनिया गांधी (कांग्रेस)
2019-सोनिया गांधी (कांग्रेस)
इंदिरा गांधी के पिता फ़िरोज़ गांधी के निधन के बाद इंदिरा गांधी ने 1964 में बतौर राज्यसभा सदस्य सियासी डेब्यू किया और इसके बाद 1967 के चुनाव में रायबरेली से ही चुनावी राजनीति का आगाज किया.इंदिरा ने रायबरेली सीट से 1967, 1971, 1977 और 1980 यानि लगातार चार बार लोकसभा चुनाव लड़ा. इंदिरा को तीन बार जीत मिली जिसमें से एक बार कोर्ट ने उनके निर्वाचन को अवैध ठहराया तो एक बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
1996 और 1998 में इस सीट से बीजेपी के अशोक सिंह विजयी रहे. 1999 के चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन सतीश शर्मा को टिकट दिया और कैप्टन सतीश ने यह सीट जीत कर फिर ये सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी. तब से ये सीट कांग्रेस की झोली में हैं और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी यहां से सांसद थी हैं.
इस सीट से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं. 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस यूपी की केवल एक लोकसभा सीट ही जीत सकी थी और वह सीट रायबरेली थी,अब राहुल गांधी के सामने उत्तर प्रदेश की रायबरेली में चुनौती अपनी साख और अस्तित्व की भी होगी.