Lok Sabha elections: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बीजेपी अध्यक्ष की उस टिप्पणी के जवाब में सोमवार को जेपी नड्डा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया कि भगवा पार्टी को अब चुनाव जीतने के लिए अपने विचारक मूल आरएसएस की जरूरत नहीं है।
खेड़ा ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उनके बयानों से पता चलता है कि आरएसएस भाजपा से बदला ले रहा है, इसलिए कम मतदान हो रहा है. पवन खेड़ा के मुताबिक
"नड्डा ने परसों कहा कि बीजेपी को (चुनाव जीतने के लिए) आरएसएस की जरूरत नहीं है. या तो उन्होंने अति आत्मविश्वास के साथ यह बात कही. हालांकि, नड्डा एक मृदुभाषी व्यक्ति हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि वह उन दोनों की तुलना में अति आत्मविश्वास में थे" गुजरात के भाईयों (मोदी और शाह) ने अगर ये बयान मजाक में नहीं दिया है तो ये कोई साजिश है. लगता है कि ये दोनों गुजराती भाई आरएसएस से बड़े हैं.
उन्होंने कहा, "इसका मतलब है कि आरएसएस इन दोनों से बदला ले सकता है, क्योंकि मतदाता उनकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं आ रहे हैं. फिर भी, इस चुनाव में यह तय हो जाएगा कि आरएसएस बड़ा है या नहीं"
खेड़ा एक अखबार में की गई नड्डा की टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे, जिसमें कहा गया था कि बीजेपी को आरएसएस की जरूरत थी जब वह एक छोटी पार्टी थी और कम सक्षम थी, लेकिन अब भगवा पार्टी बड़ी हो गई है, अधिक सक्षम हो गई है और "खुद को चलाती है"
दरअसल बीजेपी और आरएसएस के संबंधों को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का ने द इंडियन एक्सप्रेस को इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होने कहा था कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त से अब पार्टी काफी बहुत बदल गई है और काफी बड़ी हो गयी है. पहले हम इतनी बड़ी पार्टी नहीं थे और अक्षम थे. हमें आरएसएस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन आज बीजेपी काफी बड़ी पार्टी है और अकेले दम पर आगे बढ़ने में सक्षम है.
उनसे पूछा गया कि क्या बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है. इस पर नड्डा ने कहा, देखिए सभी को अपने अपने कर्तव्यों के साथ भूमिकाएं मिल चुकी हैं. आरएसएस एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है जबकि बीजेपी एक राजनीतिक पार्टी.
बीजेपी अध्यक्ष नड्डा के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने वार किया है.