Karnataka Elections 2023: कर्नाटक में 10 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव (assembly elections) के लिए जोरशोर से जारी प्रचार अभियान (election campaign) आज शाम को समाप्त हो जाएगा. लिहाजा राज्य की तीनों बड़ी पार्टियों BJP, कांग्रेस और JDS (BJP, Congress and JDS) ने पूरी ताकत झोंक दी है. रविवार को आए अंतिम ओपनियन पोल (opinion poll) में कांग्रेस को 105 तो बीजेपी को 85 और जेडीएस को 32 सीटें मिलती दिख रही हैं. ये ओपिनियन पोल इंडिया टीवी और सीएनएक्स ने मिलकर किया है. इसके अलावा पहले हुए अधिकांश ओपिनियन पोल भी राज्य में कांग्रेस की वापसी दिखा रहे हैं.
बता दें कि राज्य में बीजेपी सत्ता में बदलाव होने की 38 साल पुरानी परंपरा को तोड़ने और दक्षिण भारत में अपने गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी है तो कांग्रेस बीजेपी से सत्ता छीनने के लिए पूरा जोर लगा रही है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjun kharge) के लिए ये प्रतिष्ठा की लड़ाई भी है. वहीं दूसरी ओर पूर्व PM एच डी देवगोड़ा (H D Deve Gowda) की पार्टी जेडीएस इन चुनावों में चुनावों में किंगमेकर नहीं, बल्कि विजेता बन कर उभरना चाहती है.
कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों को उठाया
बीजेपी का चुनाव प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 'डबल इंजन' की सरकार, राष्ट्रीय मुद्दों और कार्यक्रमों या केंद्र और राज्य सरकारों की उपलब्धियों पर केंद्रित रहा है. वहीं, कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को उठा रही है और शुरूआत में इसके चुनाव प्रचार की बागडोर स्थानीय नेताओं के हाथों में थी. हालांकि, बाद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे इसके शीर्ष नेता भी चुनाव प्रचार में शामिल हो गए.
जेडी(एस) ने भी स्थानीय मु्ददों पर खेला दांव
जेडी(एस) भी चुनाव प्रचार में स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दे रहा है. इसके नेता एच डी कुमारस्वामी के साथ-साथ देवेगौड़ा भी प्रचार कर रहे हैं. मोदी ने 29 अप्रैल से अब तक करीब 18 जनसभाएं और छह रोड शो किए हैं। चुनाव कार्यक्रम की 29 मार्च को घोषणा होने से पहले मोदी ने जनवरी से तब तक सात बार राज्य का दौरा किया और विभिन्न सरकारी योजनाओं व परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया था. साथ ही, सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ हुई कई बैठकों को संबोधित किया.