Gujarat Election: अपहरण और दबाव में नामांकन वापस (Nomination) लेने की खबरों के बीच अब पूर्वी सूरत से आप उम्मीदवार कंचन जरीवाला (Kanchan Jariwala) ने मीडिया के सामने आकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ना तो मेरा अपहरण हुआ था और ना ही मैंने किसी के दबाव में अपना नामांकन वापस (withdraws nomination) लिया है. जरीवाला ने कहा कि कुछ फैमिली मैटर और पार्टी में अंदरुनी गुटबाजी के कारण उन्होंने नामांकन वापस लेने का फैसला लिया, और ये फैसला बीजेपी के दबाव में नहीं बल्कि उनका अपना फैसला था. जरीवाला का ये बयान से एक तरफ बीजेपी को क्लीन चिट तो दूसरी ओर AAP की किरकिरी हो गई.
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जरीवाला ने ये तक कह दिया कि वो आम आदमी पार्टी में हैं या नहीं इस पर वो जल्द ही स्टैंड क्लीयर करेंगे. उन्होंने कहा कि पूर्वी सूरत से नामांकन भरने के बाद उन्होंने प्रचार शुरू कर दिया, इस दौरान लोगों ने उनसे पूछा वो एक देश-विरोधी और गुजरात विरोधी पार्टी के उम्मीदवार क्यों बने? लोगों ने कहा कि पार्टी के तौर पर आप का चुनाव करने की वजह से वो उन्हें वोट नहीं देंगे. इसके बाद उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और बिना किसी दबाव के अपना नामांकन वापस ले लिया.
परिवार के साथ घर से गायब होने के सवाल पर जरीवाला ने कहा कि बार बार फोन आने की वजह से मानसिक तनाव बढ़ गया था, परिवार भी परेशान हो गया था. इसलिए वो परिवार के साथ अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए थे.
बता दें कि आप ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने कंचन जरीवाला का अपहरण करवाया, उनके परिवार को धमकी दी. और बीजेपी के दबाव में ही जरीवाला ने अपना नामांकन वापस ले लिया. इसे लेकर आप नेता मनीष सिसोदिया तो चुनाव आयोग कार्यालय के आगे धरने पर बैठ गए. जिसके बाद आयोग ने सिसोदिया के नेतृत्व में आप के 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और गुजरात के मुख्य चुनाव आयुक्त को मामले में पूछताछ और कार्रवाई का आदेश दे दिया. हालांकि, अब कंचन जरीवाला के बयान ने पूरा मामला ही पलट दिया है.