Gujarat Elections: गुजरात विधानसभा चुनाव के दंगल में इस बार AAP की एंट्री ने मुकाबले को दिलचस्प तो इस चुनाव को कराने में आनेवाले खर्च ने इसे महंगा बना दिया है. गुजरात सरकार ने इस विधानसभा चुनाव (Gujarat Elections 2022) के लिए 387 करोड़ देने की बात अपने सलाना बजट (Budget) में कही है. जबकि, राज्य के इलेक्शन अधिकारियों (Election officers) ने TOI से बातचीत में इस चुनाव का खर्च करीब 450 करोड़ बताया है. ऐसा पहले भी हुआ है कि पिछले चुनाव में भी राज्य सरकार ने चुनाव पर जितना खर्च होने की बात कही थी, चुनाव बाद खर्च का आंकड़ा काफी ज्यादा आया.
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साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के लिए सरकार ने 250 करोड़ देने की बात कही थी, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 326 करोड़ तक चला गया था. ऐसे ही साल 2012 में भी 175 करोड़ का बजट बनाया गया था लेकिन चुनाव खत्म होने तक यह भी आंकड़ा काफी आगे बढ़ गया था.
अगर इस पर बात करते हैं कि पिछले चुनाव यानी 2017 में किस पार्टी ने कितना खर्च किया तो, बीजेपी ने कुल 111 करोड़ रुपये खर्च होने की बात कही थी. जबकि कांग्रेस ने कुल खर्च 18 करोड़ रुपये बताया था. और अनुमान है कि इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले दोगुना खर्च होनेवाला है.
हालांकि, कई रिपोर्ट्स में इस बारे में बताया गया है कि आखिर इस चुनाव में दोगुना खर्च क्यों होनेवाला है और क्यों खर्च का आंकड़ा 387 करोड़ के बड़े बजट के भी पार जा सकता है. दरअसल, इस चुनाव में पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ा दी गई है. ऐसे में स्टाफ की संख्या भी बढ़ेगी. जिससे गाड़ियों की संख्या और तेल के खपत में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी.
बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव को कराने में केंद्रीय राजकीय कोष से करीब 450 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. चुनाव आयोग की निगरानी में गुजरात के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर इसकी देखरेख करेंगे. हर एक विधानसभा और लोकसभा चुनाव में सारे खर्चे का हिसाब चीफ इलेक्शन ऑफिसर के ही पास रहता है, और चुनाव के बाद सीईओ के ऑफिस द्वारा चुनाव में खर्च हुए रुपये का सारा ब्योरा दिया जाता है.