कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को झटका देते हुए शिक्षक भर्ती रद्द कर दी है. हाईकोर्ट ने 2016 के एसएससी भर्ती के पूरे पैनल को रद्द कर दिया है. इससे बंगाल के लगभग 26 हजार शिक्षकों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ेगा. शिक्षकों को चार हफ्ते के भीतर वेतन लौटाने का भी आदेश दिया गया है.
साल 2014 में पश्चिम बंगाल के स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने टीचर्स भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया.
बंगाल के शिक्षा मंत्री थे पार्थ चटर्जी.
आरोप लगे की भर्ती प्रक्रिया में धांधली हुई है.
नंबर कम होने के बावजूद नौकरियां दी गईं.
नौकरी पाने वाले ज्यादातर लोगों ने टीईटी क्लीयर नहीं.
कोलकाता हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका.
इस मामले में 5 साल तक सुनवाई हुई.
मई साल 2022 में हाईकोर्ट ने सीबीआई को भर्ती की जांच करने के आदेश दिए
ईडी ने भी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच की.
ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया
ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को पद से हटाते हुए TMC से निष्कासित कर दिया था.
ईडी ने 22 जुलाई को पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की
पार्थ चटर्जी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी को अर्पिता मुखर्जी की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे.
इसके बाद ईडी के रडार पर अर्पिता मुखर्जी आ गईं.
ईडी ने अर्पिता के फ्लैट पर छापा मारा
वहां से करीब 21 करोड़ रुपए कैश, 60 लाख की विदेशी करेंसी जब्त की गई
ईडी ने अर्पिता के दूसरे ठिकानों पर भी छापेमारी की गयी
ईडी को अर्पिता के घर से 27.9 करोड़ रुपए कैश मिला था
ईडी को 4.31 करोड़ रुपए का गोल्ड भी मिला
अर्पिता एक मॉडल और अभिनेत्री हैं.
वे बंगला और ओडिशा फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करती हैं
कोर्ट ने प्रशासन को अगले 15 दिनों में नई नियुक्तियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.इस मामले में एक अपवाद सोमा दास के मामले में अदालत ने छूट दी है. कैंसर से पीड़ित होने के नाते उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी.
हाई कोर्ट के फैसले पर भाजपा नेता व पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा है कि "राज्य की मुख्यमंत्री के लिए इससे बड़ी शर्मिंदगी की बात नहीं हो सकती है. वह पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने इतने दिनों तक परीक्षार्थियों को भुलावे में रखा था".
वहीं, भाजपा नेता व बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा है कि निस्संदेह यह सरकार द्वारा प्रायोजित सबसे बड़ा भर्ती घोटाला है.लाखों युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो गई है.
"ममता बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों ने आज अपनी नौकरी खोई है, मैं उन्हें बताना चाहती हूं. हम लड़ेंगे और अंत तक लड़ेंगे. क्या आप नहीं जानते हैं कि जिन्होंने आदेश दिया है, उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली है. हम इस फैसले को चुनौती देंगे. इस फैसले से 26 हजार उम्मीदवारों की किस्मत जुड़ी है. हम नौकरी देने की कोशिश कर रहे हैं. ये अवैध आदेश है. हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. लेकिन चिंता मत कीजिए. मैं आपको बताना चाहती हूं कि दस लाख और नौकरियां तैयार हैं".
हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं है कि चुनावों के वक़्त में कोर्ट का ये फैसला ममता सरकार के लिए बड़ी चुनौती हो सकता है.
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