'मैं एक भारतीय हूँ जो पाकिस्तान में पैदा हुआ है. मैं सलमान रुश्दी के बहुत सारे 'मिडनाइट चिल्ड्रेन' में से एक हूँ जिसे एक महान सभ्यता के पालने से उठा कर स्थाई शरणार्थी बना दिया गया. मैं इस बात का खुद गवाह हूँ कि किस तरह उनकी उम्मीदों के सपनों को नाकामयाबी के दु:स्वप्न में बदल दिया गया'
तारिक फ़तह, पाकिस्तान में जन्मे लेखक
उपर लिखी गई पक्तियां पाकिस्तान (Pakistan) में जन्मे और फिर पाकिस्तान छोड़ने को मजबूर किए गए मशहूर लेखक तारिक फ़तह (Tarek Fatah ) की है...एक ऐसी शख्सियत जिसने पाकिस्तान में रहकर वहां के प्रशासन, सेना और कट्टरपंथियों के खिलाफ मोर्चा खोला...पाकिस्तान में रहते हुए ही उनपर देशद्रोह का केस (sedition case) चला और उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा...
हालात इतने खराब हुए कि उन्हें पाकिस्तान छोड़ना पड़ा...लेकिन उनके तेवर नरम नहीं हुए...पहले सऊदी अरब (Saudi Arab) में रहे और फिर कनाडा (Canada) को अपना स्थायी पता बना लिया...भारत (India) के साथ इतना लगाव था कि वे खुद को हिंदुस्तान का बेटा कहते थे...
आगे बढ़ने से पहले उनके जीवन के सफर को जान लेते हैं...
तारिक फतेह का सफर
20 नवंबर 1949 में पाकिस्तान के कराची में हुआ जन्म
बंटवारे से पहले मुंबई में रहता था उनका परिवार
कराची यूनिवर्सिटी से बायोकेमेस्ट्री की पढाई की
नरगिस तपाल नाम की शिया युवती से शादी की
1970 में कराची के अखबार 'सन' से पत्रकारिता शुरू की
पाकिस्तान टेलीविजन में प्रोड्यूसर की नौकरी की
सैनिक सरकार का विरोध करने पर दो बार जेल गए
1978 में पाकिस्तान छोड़ सऊदी अरब चले गए
दस सालों तक एक एडवरटाइज़िंग अधिकारी के तौर पर काम
बाद में वहां से भी कनाडा शिफ्ट हो गए, लेखक बन गए
कनाडा में पत्नी के साथ मिलकर ड्राइक्लीनिंग कंपनी खोली...लेकिन पत्रकारिता का जुनून ऐसा की फिर से टीवी पर काम शुरू किया...वो CTS टीवी पर मुस्लिम क्रॉनिकल (muslim chronicle) कार्यक्रम करने लगे...
इसी दौरान वे इस्लाम के उदार और आधुनिक पक्ष को लेकर बेहद मुखर हो गए...वे भारत और यहां सनातन संस्कृति की अक्सर तारीफ किया करते थे. कनाडा में रहते हुए भी वे अक्सर भारत के दौरे पर आते रहते...यहां के कई टीवी शो और अखबारों के दफ्तरों में वे नजर आने लगे थे..यही वजह है कि भारत के एक वर्ग में उनके चाहने वालों की अच्छी-खासी तादाद हो गईृ...अलविदा तारिक फतेह.