हर गुजरते दिन के साथ यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले तेज होते जा रहे हैं. इस बीच अमेरिका में यूक्रेन की राजदूत ओकसाना मार्कारोवा (Oksana Markarova) ने बेहद खौफनाक दावा किया है. उन्होंने बताया कि रूस ने युद्ध के पांचवें दिन यूक्रेन के खिलाफ प्रतिबंधित वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया है. इस बेहद ही खतरनाक बम को जेनेवा कंवेंशन के तहत बैन किया जा चुका है. दरअसल वैक्यूम बम या थर्मोबैरिक बम से होने वाला नुकसान परमाणु बमों जैसी इंटेंसिटी का ही होता है. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर ये वैक्यूम बम क्या है?
रूस ने साल 2007 में इस बम का विकास किया था. इसे एयरोसॉल बम के नाम से भी जाना जाता है. इस बम में गोला-बारूद का इस्तेमाल नहीं होता. ये ऑक्सीजन को सोखकर बड़ा धमाका करता है. अल्ट्रासोनिक शॉकवेव निकलती है जो तबाही मचा देती है. इस बम को जेट से गिराते हैं. यह बीच हवा में विस्फोट करता है.
बम, 300 मीटर के दायरे में सबकुछ तबाह कर देता है. दिलचस्प ये है कि इससे पर्यावरण को खतरा नहीं होता.
अब सवाल ये है कि आखिर इस खतरनाक बम को तैयार करने के पीछे कहानी क्या है?
सबसे पहले अमेरिका ने ‘वैक्यूम बम’ तैयार किया था. साल 2003 में अमेरिका ने ‘मदर ऑफ ऑल बम’ बनाया. तब इस बम की क्षमता 11 टन TNT की थी. रूस ने इसके बाद 2007 में अपना बम तैयार किया.
रूस ने इस बम की क्षमता 44 टन TNT कर दी. रूस ने इसे ‘फॉदर ऑफ ऑल बम’ नाम दिया.