On This Day in History 5 Dec: हर दिन का अपना एक इतिहास होता है. इतिहास के पन्नों को पलट कर देखेंगे तो पाएंगे कि न जाने कितनी ही घटनाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं. इसी क्रम में 5 दिसंबर के इतिहास पर नजर डालते हैं. 5 दिसंबर साल 1950 को आज ही के दिन भारत के महान क्रांतिकारी और लेखक अरविन्द घोष (Aurobindo Ghose ) का निधन हुआ था. उन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. साल 1906 में बंग-भंग आंदोलन (Bang-bhang movement) के दौरान वे अपनी नौकरी छोड़ आंदोलन में कूद पड़ें थे. नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने 'वंदे मातरम्' साप्ताहिक का संपादन भी किया. 1908-09 में उन पर अलीपुर बमकांड में शामिल होने के आरोप में राजद्रोह का मुक़दमा चला. इस दौरान उन्हें जेल भेज दिया गया. यहां से घोष का जीवन पूरी तरह से बदल गया. वे तप करने लगे और सन्यासी बन गए. उनके निधन के 4 दिन बाद 9 दिसंबर साल 1950 को उन्हें समाधि दी गयी.
इसी के साथ आज के इतिहास के दूसरा अंश में बात 'अफ्रीकी गांधी' यानी कि नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela)की होगी. 5 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि है. साल 2013 में 95 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था. अपने चाहने वालों के बीच ‘मदीबा’ के नाम से बुलाए जाने वाले मंडेला दुनियाभर के लोगों के लिए प्रेरणा रहे हैं. अपने काम से ही नहीं बल्कि अपनी कही बातों से भी उन्होंने लाखों दिलों को जीता है. बता दें वे दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे.
आज के इतिहास का तीसरे अंश विश्व सुंदरी युक्ता मुखी (Miss World Yukta Mukhi) से जुड़ा हुआ है. 5 दिसंबर साल 1999 में आज ही के दिन भारत की युक्ता मुखी ने विश्व सुंदरी का खिताब जीता था. बता दें अभी तक 6 भारतीय महिलाओं ने इस ताज को अपने नाम किया है.
1974: माल्टा गणराज्य घोषित.
2000: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति चुनाव में जार्ज बुश के पक्ष में फैसला दिया.
1657 : शाहजहां के छोटे बेटे मुराद ने खुद को बादशाह घोषित किया.
1917 : रूस में नई क्रांतिकारी सरकार गठन तथा रूस-जर्मनी के बीच युद्ध विराम हुआ.
1943 : जापानी हवाई जहाज ने कोलकाता पर बम गिराया.
1950 : भारतीय लेखक अरबिंदो घोष का निधन हुआ.