उर्दू-फ़ारसी (Urdu-Persian) के मशहूर शायर मिर्जा गालिब (poet mirza ghalib) की आज जयंती है. 27 अक्टूबर 1797 में उत्तरप्रदेश के आगरा में मिर्जा असद-उल्लाह बेग ख़ां (गालिब) का जन्म हुआ था. उनके बारे में कहा जाता है कि वो ऐसे शेयर थे जो चलते-फिरते शेर बना देते थे. उनकी जुबां और कलम का जादू कुछ इस कदर लोगों पर छाया हुआ है कि उनके जाने के शताब्दियों बाद भी लोग उन्हें और उनकी शायरी को याद करते हैं. गालिब को शराब और जुएं की लत थी उन्होंने अपने बहुत से शेरों इस बुरी आदत का जिक्र भी किया है.
15 फरवरी साल 1869 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. उनका मकबरा दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन इलाके में हजरत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह के पास बना हुआ है.
इतिहास के दूसरे अंश में बात भारत के राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' की करेंगे. 27 दिसंबर साल 1911 ये पहला मौका था जब 'जन-गण-मन' को पहली बार गाया गया. कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में इसे पहली बार गाया गया था. बता दें 'जन गण मन' बंगाली भजन 'भरोतो भाग्यो बिधाता' का पहला छंद है जिसे गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया है. टैगोर की भतीजी, सरला देवी चौधुरानी ने, कुछ स्कूली छात्रों के साथ, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष बिशन नारायण धर और भूपेन्द्र नाथ बोस और अंबिका चरण मजूमदार जैसे अन्य नेताओं की सभा के सामने इसे गाय था. 24 जनवरी साल 1950 में संविधान द्वारा इसके हिंदी संस्करण को भारत के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया.
इतिहास के तीसरे अंश में बात पड़ोसी देश पाकिस्तान की करेंगे. 27 दिसंबर साल 2007 आज ही के दिन पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की निर्मम हत्या कर दी गई थी. बता दें भुट्टो रावलपिंडी में एक जनसभा को सम्बोधित करके घर लौट रही थी इस दौरान हमलावर उनके गाड़ी के पास आया और भुट्टों को गोली मार दी. इसके बाद हमलावर ने अपने आप को भी बम से उड़ा दिया. इस हमले में बेनजीर भुट्टो की मौत हो गई.