On This Day in History 10 October: आज हुआ था आर के नारायण का जन्म, जगजीत सिंह ने दुनिया को कहा अलविदा

Updated : Oct 10, 2023 17:40
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Garima Singh

On This Day in History 10 October: अपनी (Aaj ka itihas) आवाज से एक पीढ़ी को ही नहीं बल्कि एक दौर को दीवाना बनाने वाले ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह (jagjit singh death anniversary) जी ने 10 अक्टूबर 2011  को दुनिया को अलविदा कहा था. लोग कहते हैं उनके गजल में एक अलग किस्म दर्द था जो शायद उनकी ज़िन्दगी ने ही उन्हें एक तोहफे में दिया था. राजस्थान के बीकानेर में जन्मे जगजीत सिंह ने अपने करियर की शुरुआत रेडियो से की थी. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था और इस तरह वो मुंबई पहुंच गए. साल 1976 में  अपने पहले एल्बम 'द अनफॉरगेटेबल्स' ने उनके करियर को रफ़्तार दी. ज़िन्दगी ने फिर करवट ली. जगजीत सिंह को चित्रा सिंह का साथ मिला सिर्फ गायन में ही नहीं बल्कि ज़िन्दगी में भी. जगजीत सिंह की ज़िन्दगी एक बार फिर थम गई जब उन्होंने अपने 18 साल के बेटे को एक सड़क दुर्घटना में खो दिया. जगजीत सिंह की आवाज में  'झुकी-झुकी सी नजर, 'तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो', 'तुमको देखा तो ये ख्याल आया', 'ये दौलत भी ले लो' और 'चिठ्ठी न कोई संदेश' ये सभी गजलें आज भी उनकी उतनी ही याद दिलाती है. 

आज के इतिहास का दूसरा अंश साहित्य की एक और महान हस्ती से जुड़ा हुआ है. 10 अक्टूबर 1906 को मद्रास (चेन्नई) में जन्मे आर के नारायण (R.K. Narayan birth anniversary ) ने अपनी कलम के दम पर सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में ख्याति प्राप्त की. मालगुडी - एक काल्पनिक जगह के इर्द-गिर्द रचा बसा उनका साहित्य दुनियाभर में खूब पढ़ा गया. 80 के दशक में नारायण की किताबों का हिंदी अनुवाद कर उसे टीवी प्रोग्राम बनाया गया. जिसे 1980 में 'मालगुडी डेज' के नाम से दूरदर्शन पर प्रसारित किया. आज के दौर में हम में से कई लोगों के मन में ये नाम सुन का जरूर उस प्रोग्राम की धुन गुंजी होगी. 

इसी के साथ आज के इतिहास का तीसरा अंश प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi) से जुड़ा हुआ है. 10 अक्टूबर 2014 में कैलाश सत्यार्थी को पाकिस्तानी सामाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के साथ शांति का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई थी.  पेशे से इंजिनियर रहे कैलाश सत्यार्थी ने 26 साल की उम्र में नौकरी छोड़ बच्चों के लिए काम करना शुरू किया था. बचपन बचाओ आंदोलन के जरिये सत्यार्थी ने बाल श्रम के रोकथाम के लिए लड़ाई लड़ी और हजारों बच्चों को नई ज़िन्दगी दी. 


देश- दुनिया में 10 अक्टूबर का इतिहास 

1846ः ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमर विलियम लासेल ने नेपच्यून के नेचुरल सैटेलाइट की खोज की.
 
1865ः जॉन वेल्से हयात ने बिलियर्ड बॉल का पेटेंट हासिल किया. 

1893ः पहली कार नंबर प्लेट फ्रांस के पेरिस में देखी गई. 

1910ः वाराणसी में मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षता में पहला अखिल भारतीय हिन्दी सम्मेलन आयोजित हुआ. 

1954ः भारतीय फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री रेखा का जन्म. 

1970ः फिजी को ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली. 

1978ः रोहिणी खादिलकर राष्ट्रीय चेस प्रतियोगिता जीतने वाली प्रथम महिला बनीं. 

1986ः सैन सल्वाडोर में 7.5 तीव्रता वाले भूकंप में 1,500 लोगों की मौत हुई. 

1990ः अमेरिका का 67वां मानव अंतरिक्ष मिशन डिस्कवरी-11 अंतरिक्ष से लौटा. 

2005ः एंजेला मार्केल जर्मनी की पहली महिला चांसलर बनीं. 

2010ः प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह का मुम्बई में निधन. 

2015ः तुर्की के अंकारा में एक शांति रैली में बम विस्फोट से कम से कम 95 लोग मारे गए और 200 घायल हुए. 

History of the day

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