Melvin Purvis Biography : जेम्स बॉन्ड सीरीज (James Bond Series) की फिल्में हम में से ज्यादातर ने जरूर देखी होंगी. 1962 में इस सीरीज की पहली फिल्म आई थी और अब तक 25 फिल्में आ चुकी हैं. क्रिमिनल्स का सफाया करता बॉन्ड हर किसी को फिल्म में अपना दिवाना बना लेता है. लेकिन क्या आप हकीकत के जेम्स बॉन्ड से मिलना चाहेंगे. एक ऐसा एजेंट जिसने 4 महीने में ही अमेरिका के दुश्मनों का सफाया कर दिया हो.
जब वह FBI में रहा तो भी टॉप पर रहा और जब यूएस आर्मी में गया तो भी शिखर तक पहुंचा... दुनिया ने जब सेकेंड वर्ल्ड वार (Second World War) का अंत देखा तो इसी शख्स को चुना गया था हिटलर की आत्महत्या की तफ्तीश करने के लिए ... ये थे मेल्विन पुरविस (Melvin Purvis).
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24 अक्टूबर 1903 को ही जन्म हुआ था मेल्विन पुरविस का... आज हम इस पूर्व FBI एजेंट की जिंदगी को जानेंगे जिसे एक बॉस की जिद ने गिराया तो लेकिन उसे नाकाम न कर सका..
1934 में, लिटरेरी डाइजेस्ट ने अमेरिका की 10 सबसे मशहूर हस्तियों का पता लगाने के लिए एक सर्वे किया. इसमें राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट नंबर एक पर थे और नंबर 2 पर जो शख्स था उसका नाम था मेल्विन पुरविस...फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के शिकागो ऑफिस के इंचार्ज पुरविस 1930 के दशक में कुख्यात क्रिमिनल्स जॉन डिलिंगर (John Dillinger), बेबी फेस नेल्सन (Baby Face Nelson) और प्रिटी बॉय फ़्लॉइड (Pretty Boy Floyd) के खौफ का अंत करने के लिए मशहूर हो चुके थे...
पुरविस पैदा हुए थे 1903 में दक्षिण कैरोलिना के छोटे से शहर टिमन्सविले में... परिवार में छह बहनें और दो भाई थे. मेल्विन को घोड़ों से बेहद लगाव था. बाद में वह एक बंदूके इकट्ठा करने के शौक में लग गए...
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना (University of South Carolina) के लॉ स्कूल से 1925 में उन्होंने ग्रेजुएशन की और बार का इम्तिहान पास किया. फ्लोरेंस, साउथ कैरोलिना (टिमोन्सविले से 10 मील पूरब) में 20 महीने तक लॉ प्रैक्टिस करने के बाद, उन्होंने वाशिंगटन डीसी में डिप्लोमैटिक सर्विस की नौकरी पाने की पूरी कोशिश की लेकिन वे नाकाम रहे. आखिर में हारकर उन्होंने FBI के लिए आवेदन किया.
जब पुरविस फरवरी 1927 में एफबीआई में शामिल हुए, तो John Edgar Hoover के मजबूत नियंत्रण में था. वह FBI के पहले डायरेक्टर थे और 3 साल पहले पद पर बैठे थे. अपने करियर के पहले 3 वर्षों के लिए, पुरविस ने पूरे अमेरिका में फील्ड ऑफिस में काम किया. नवंबर 1930 में, हूवर ने सिनसिनाटी ब्यूरो के प्रभारी के तौर पर पुरविस को नियुक्त किया. 27 साल की उम्र में वह एफबीआई में सबसे कम उम्र के फील्ड ऑफिस इंचार्ज थे. हूवर को पुरविस के बारे में अच्छा फीडबैक मिला. इसमें कोई शक नहीं था कि पुरविस एक उभरता सितारा था.
1931 में, Purvis ने वाशिंगटन, डीसी में फील्ड ऑफिस का पद संभाला और 1 महीने बाद ओक्लाहोमा सिटी फील्ड ऑफिस का कंट्रोल हाथ में ले लिया. मई 1932 में, हूवर ने उन्हें बर्मिंघम, अलबामा में स्पेशल एजेंट इंचार्ज बनाया. पुरविस को जिम्मेदारी मिलती गई और वह उसे निभाते गए. हर पड़ाव पर मेल्विन की ऊर्जा और आत्मविश्वास से लोग हैरान रहते थे.
1932 में, हूवर की एफबीआई को शिकागो के अंडरवर्ल्ड से सबसे बड़ी चुनौती मिली. इस जोखिम भरे दौर से निपटने के लिए हूवर ने अपने पसंदीदा एजेंट और सबसे भरोसेमंद आदमी: मेल्विन पुरविस को चुना. अक्टूबर 1932 में पुरविस को उनके निजी सचिव, डोरिस रोजर्स के साथ शिकागो ट्रांसफर कर दिया गया.
पुरविस ने फिर उस ग्रुप को लीड किया जिसने अमेरिका के कुख्यात अपराधी जॉन डिलिंगर के खौफ का अंत किया. उसे अमेरिका का नंबर वन दुश्मन कहा जाता है. इसके बाद ओहियो में प्रिटी बॉय फ़्लॉइड; और फिर इलिनोइस में बेबी फेस नेल्सन. पुरविस ने एफबीआई इतिहास में किसी भी दूसरे एजेंट की तुलना में ज्यादा खूंखार दुश्मनों को पकड़ने में कामयाबी पाई थी और वह भी सिर्फ 4 महीने में. ये एक ऐसा रिकॉर्ड है जो अभी भी कायम है.
पुरविस रिपोर्टर्स की पहली पसंद बने और फिर एक सेलिब्रिटी जैसे बन गए. पुरविस की बढ़ती लोकप्रियता हूवर के अंदर ईर्ष्या पैदा करने लगी थी. उन्होंने पुरविस को अहम जिम्मेदारियों से हटाकर छोटे मोटे काम सौंपने शुरू किए और बाद में उन्हें बेपरवाह एजेंट के तौर पर पेश करना शुरू किया.
हूवर ने पुरविस से कहा कि वह कुछ दिन सबसे दूर रहें और ऑफिस भी न आएं. हालांकि, मीडिया की पुरविस में दिलचस्पी फिर भी कम नहीं हुई. दिसंबर 1934 में, हूवर ने पुरविस को शिकागो ऑफिस से हटा दिया और ऐसा मामला बना दिया कि वह "डिलिंगर मामले के इंचार्ज" नहीं थे. हूवर ने पुरविस की हर हरकत के बारे में खुफिया जानकारी जुटानी शुरू कर दी.
डिलिंगर मामले को एक साल ही गुजरा था. जो पुरविस एक साल पहले एफबीआई का सबसे बड़ा चेहरा बन गए थे, एक साल बाद उन्हीं पुरविस ने जुलाई 1935 में एजेंसी से इस्तीफा दे दिया. पुरविस कैलिफोर्निया चले गए, जहां उन्होंने बार की परीक्षा पास की और सैन फ्रांसिस्को में लोम्बार्ड स्ट्रीट पर रहने लगे. उन्होंने जिलेट रेज़र और डॉज कारों जैसे प्रोडक्ट को एंडोर्स करना शुरू किया.
उन्होंने जनरल फूड्स के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट भी साइन किया. 1936 में, Purvis ने "जूनियर जी-मैन: द मेल्विन पुरविस क्लब" नाम से एक रेडियो शो को होस्ट करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया. जी-मैन क्लब अपनी तरह का सबसे लोकप्रिय क्लब बन गया. इसमें अमेरिका भर से 260, 000 बच्चों का एनरोलमेंट हुआ.
हॉलीवुड का बुलावा आया और पुरविस ने कई फिल्मों में टेक्निकल अडवाइजर के तौर पर काम किया. उन्होंने ऐक्ट्रेस जीन हार्लो को भी कुछ समय के लिए डेट किया और क्लार्क गेबल भी उनकी दोस्त रहीं. बाद में पुरविस की सगाई जेनिस जैरेट से हुई, जो एक मशहूर ऐडवर्टाइजिंग मॉडल थीं. 29 अप्रैल, 1937 को सैन एंटोनियो, टेक्सास में शादी की योजना बनाई गई थी. लेकिन ये शादी हो न सकी.
मेल्विन कुछ दिनों बाद न्यूयॉर्क और फिर यूरोप की लंबी यात्रा के लिए रवाना हुए. मेल्विन बर्लिन भी पहुंचे जहां उनकी मुलाकात हरमन गोरिंग से हुई.
गोरिंग का जन्म 1893 में जर्मनी में हुआ था और वह पहला विश्व युद्ध एक पायलट होकर लड़े थे. अब वह नाजी पार्टी के नेता थे और 1933 में हिटलर ने उन्हें गेस्टापो, यानी सीक्रेट पॉलिटिकल पुलिस और कॉन्सेंट्रेशन कैंप बनाने के लिए चुना था. 1935 में, गोरिंग ने जर्मन एयरफोर्स (लूफ्तवाफे़) की कमान संभाली.
गोरिंग अमेरिकी गैंगस्टर्स के दीवाने थे. 1935 में जब उन्हें खबर मिली की पुरविस बर्लिन में हैं, उन्होंने उनके होटल में फोन किया और कहा- "हैलो, बीग जी-मैन" जी मैन एजेंट्स के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द है. गोरिंग ने पुरविस से कहा कि अगर वे चाहें तो दोनों जंगली सुअरों के शिकार पर साथ जा सकते हैं.
बर्लिन के उत्तर पूर्व में हंटिग एस्टेट "कैरिनहॉल" में गोरिंग का घर था. इसका नाम उनकी पहली स्वीडिश पत्नी, कैरिन के सम्मान में रखा गया था, जिनकी 1931 में मृत्यु हो गई थी. ("कैरिनहॉल" बाद में पूरे यूरोप से गोरिंग के लूटे गए खजाने को रखने का अड्डा बना) गोरिंग जर्मन थर्ड राइख के मास्टर हंट्समैन थे. उनमें भाले से जंगली सूअर के शिकार का आकर्षण था. मेल्विन पुरविस और हर्मन गोरिंग कई दिनों तक साथ रहे. गोरिंग एक निर्दयी शिकारी था और पुरविस ने साथ रहकर इसका अनुभव भी किया.
इसके बाद Rosanne Willcox से उन्होंने शादी की जो एक मशहूर वकील की बेटी थीं. उन्होंने न्यूजपेपर छापा, रेडियो स्टेशन शुरू किया और वकालत की प्रैक्टिस भी जारी रखी... उनके तीन बेटे हुए Melvin III, Alston, और Christopher.
हूवर इस हद तक ईर्ष्या रखने वाले शख्स थे कि जब फेडरल जज बनने के लिए उनके नाम का समर्थन साउथ कैरोलिना के कांग्रेसमैन ने किया तो उनकी दावेदारी मजबूत हो गई लेकिन हूवर की वजह से उन्हें ये पद भी नहीं मिला.
1942 में, पुरविस ने एक कैप्टन बनकर यूएस आर्मी में एंट्री ली. 1944 में उन्हें कर्नल और इंटेलिजेंस ऑफिसर बना दिया गया था. बाद में उन्हें वार क्राइम ऑफिस का डिप्टी डायरेक्टर बनाया गया, और विश्वयुद्ध के बाद उन्होंने हिटलर की आत्महत्या की जांच करने के लिए फिर जर्मनी में वक्त बिताया.
हरमन गोरिंग के साथ उनकी दूसरी मुलाकात दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1946 में हुई. अब वह नाजी कैंप्स में बर्बरता करने वाला एक युद्ध अपराधी था. पुरविस को वार क्राइम ऑफिस ने अपने सेल में उससे पूछताछ करने के लिए कहा था. सबसे पहले, गोरिंग ने पुरविस को पहचाना और कहा, "ओह हाँ, बिग जी-मैन!"
उसने पुरविस से पूछा कि क्या कोई रास्ता है जिससे वह फांसी से बच सकता है, क्योंकि वह फांसी पर नहीं चढ़ना चाहता. पुरविस ने कहा- नहीं... पुरविस ने एक संक्षिप्त पूछताछ पूरी की... इसके बाद 15 अक्टूबर, 1946 को फांसी से एक रात पहले गोरिंग ने अपने सेल में साइनाइड कैप्सूल खाकर आत्महत्या कर ली.
1950 के दशक में, पुरविस को दक्षिण कैरोलिना के सीनेटर ओलिन डी. जॉनसन ने सीनेट की दो सब कमिटी के मुख्य वकील के रूप में नियुक्त किया था. पुरविस के भतीजे ने उनसे एफबीआई के बारे में कई सवाल पूछे लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने जो किया था उसे लेकर कभी बच्चों के आगे डींगे भी नहीं मारी थी.
1960 में, पुरविस की सेहत खराब हो गई...29 फरवरी, 1960 को जब वह फ्लोरेंस के अपने घर पर थे तभी उनके साथी एफबीआई एजेंटों द्वारा उन्हें दी गई पिस्तौल से चली गोली उनके सिर पर जा लगी और उनकी मृत्यु हो गई... एफबीआई ने उसकी मौत की जांच की और इसे आत्महत्या घोषित कर दिया... तब उनकी उम्र 56 साल थी.
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1990 के दशक में, जब भतीजा S. Robert Lathan वाशिंगटन, डीसी में था, तब उसने एफबीआई टूर का प्लान किया. उसने एफबीआई मुख्यालय में जाकर रिसेप्शनिस्ट से कहा कि मैं वह अपने चाचा मेल्विन पुरविस से जुड़ी सारी जानकारी देखना चाहता है. रिसेप्शनिस्ट ने जवाब दिया कि वह पुरविस के बारे में कुछ भी नहीं जानती है और उसके बारे में कभी सुना भी नहीं है. भतीजा चौंक गया लेकिन फिर डिलिंजर से जुड़ा एक्जिबिशन देखने का अनुरोध किया. उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि इस एग्जिबिशन में भी मेल्विन पुरविस का नाम कहीं नहीं था.
चलते चलते 24 अक्टूबर को हुई दूसरी अहम घटनाओं पर भी एक नजर डाल लेते हैं...
1921- मशहूर कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण का जन्म हुआ
1984 - कोलकाता में एस्प्लेनेड और भवानीपुर के बीच पहली मेट्रो ट्रेन शुरू हुई
1991 - भारत की मशहूर उर्दू साहित्यकार इस्मत चुग़ताई का निधन हुआ