'शेरशाह ऑफ कारगिल' के नाम से मशहूर भारतीय थलसेना के जांबाज, कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म आज ही के दिन साल यानी 9 सितंबर 1974 में हुआ था. कैप्टन विक्रम बत्रा मई से जुलाई 1999 में चले कारगिल युद्ध में 19 जून को शामिल हुए थे. कैपटन ने जब इस युद्ध में एंट्री मारी तब कारगिल की चोटी 5140 पर पाकिस्तानी कब्जा कर चुके थे. इसी को छुड़ाने का टास्क बत्रा को दिया गया था. अपनी बहादुरी का सबूत देते हुए कैप्टन इस अहम छोटी को जीत कर वहां तिरंगा लगाने में कामयाब हुए. कैप्टन यहीं नहीं रुके. बाद में जब उनके अधिकारियों ने उन्हें और उनकी टीम को आराम देना चाहा तो विक्रम ने कहा 'ये दिल मांगे मोर' यही कहते हुए विक्रम ने चोटी 4875 पर फतह का फैसला किया. अपनी जान की पहवाह किये बिना विक्रम चल पड़े इस मिशन पर लेकिन पाकिस्तानियों को उनकी आने की खबर लग गई थी. 7 जुलाई 1999 को अपनी आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ते हुए कैप्टन ने देश के लिए बलिदान दिया और इतिहास में अमर हो गए. 8 जुलाई की सुबह भारत ने चोटी 4875 पर भारतीय कर तीरंगा फहराया लेकिन विक्रम बत्रा को खो दिया. बत्रा को मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च सम्मान 'परमवीर चक्र' से सम्मानित किया गया. कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर साल 2021 में एक फिल्म भी बनी थी. जिसमे बत्रा का किरदार सिद्धार्थ मल्होत्रा ने निभाया था. 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में कियारा-सिद्धार्थ की फिल्म शेरशाह को स्पेशल जूरी अवॉर्ड दिया गया.
भारत से आगे बढ़कर अब विश्व इतिहास पर एक नजर डालते हैं. आज का दिन तकनीकि क्षेत्र में एक अहम खोज के लिए जाना जाता है. 9 सितंबर 1947 में अमेरिका में पहली बार कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर में बग पाया गया था. बता दें ये बग अमेरिका की हॉवर्ड युनिवेर्सिटी की कम्प्यूटेशन लैबोरेटरी में ऑपरेटर्स ट्रांसमिशन के दौरान मार्क सेकंड कम्प्यूटर में नजर आया था. बाद में इसे आसानी से हटा लिया गया था. बग कम्यूटर प्रोग्रामिंग के समय छूट गई वो गलती है जिससे पूरे प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर को नुकसान पहुंचता है.
आज यानी 9 सितंबर साल 1850 को कैलिफ़ोर्निया अमेरिका का 31वां राज्य बना था.बता दें कैलिफोर्निया अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है. यह प्रशांत महासागर के साथ 800 मील (1,290 किलोमीटर) से अधिक तक फैला है और अपने सबसे चौड़े बिंदु पर 365 मील (587 किलोमीटर) चौड़ा है.इसकी राजधानी सैक्रामेंटो है.