On This Day in History 25 June: इंदिरा गांधी...भारतीय राजनीति के इतिहास में एक ऐसा नाम जिनके सिर कई उपलब्धियां रहीं हैं. कहते हैं जहां उपलब्धियां होती हैं वहां विवाद भी साथ- साथ चलता है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी विवादों से पुराना नाता रहा है.उन्ही में से एक है 'आपातकाल' (Emergency In India). आइये विस्तार से जानते हैं इंदिरा गांधी ने आखिर क्यों लगाया था 'आपातकाल'.
इस पूरे मामले की शुरुआत होती है साल 1971 से जब देश में लोकसभा चुनाव हुए और कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिली. कुल 518 में से कांग्रेस ने 352 सीटें जीतीं और प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा गांधी. उन्होंने अपनी पारंपरिक सीट उत्तर प्रदेश के रायबरेली से जीत दर्ज की. इंदिरा ने एक लाख से भी ज्यादा वोट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के राजनारायण को हराया था. राजनारायण अपनी जीत को लेकर इतना आश्वस्त थे इधर इंदिरा चुनाव जीतकर संसद चली गईं, उधर राजनारायण चुनाव हारकर कोर्ट चले गए. 18 मार्च साल 1975 में इंदिरा गांधी को कोर्ट में पेश किया गया.
तारीख 12 जून साल 1975 सुबह के करीब 10 बजे थे. इलाहाबाद कोर्ट के परिसर में पैर रखने भर की भी जगह नहीं थी. इसके बाद जस्टिस सिन्हा ने फैसला पढ़ना शुरू किया. फैसले में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Prime Minister Indira Gandhi) को चुनाव में धांधली करने का दोषी पाते हुए उनका चुनाव रद्द कर दिया. साथ ही ये भी कहा कि आने वाले 6 साल तक वे चुनाव नहीं लड़ सकेंगी. इंदिरा गांधी उस वक्त देश की प्रधानमंत्री थीं और किसी भी हालत में सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं थीं. इस फैसले के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट भी गईं, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली. ऐसा पहली बार हुआ था कि भारत के प्रधानमंत्री का चुनाव ही रद्द कर दिया गया.
इधर इंदिरा गांधी को कोर्ट से राहत नहीं मिली तो वहीं दूसरी तरफ लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में पूरा विपक्ष सड़कों पर उतर कर इंदिरा के इस्तीफे की मांग करने लगा. 25 जून साल 1975 को जयप्रकाश नारायण ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली का आयोजन किया. इस रैली में संबोधन के दौरान जयप्रकाश नारायण ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता का अंश पढ़ते हुए कहा - ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’. इंदिरा गांधी अब चौतरफा घिर चुकी थीं. इधर जेपी की रैली खत्म हुई और उधर इंदिरा गांधी राष्ट्रपति भवन पहुंचीं. इस तरह 25 जून की रात ही इंदिरा गांधी ने तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से इमरजेंसी के आदेश पर दस्तखत करा लिए और इस तरह 25 जून की उस काली रात को आपातकाल की नींव पड़ी. 26 जून की सुबह 6 बजे आकाशवाणी पर पूरे देश में इमरजेंसी लगाने की घोषणा की गई.
इमरजेंसी लगने के बाद विपक्षी नेताओं समेत कांग्रेस के नेताओं को भी जेल में डाल दिया गया, प्रेस पर पाबंदी लगा दी गई, नागरिकों के सारे अधिकार छीन लिए गए और देश में लोकतंत्र खत्म हो गया. सरकार ने अखबार के दफ्तरों की बिजली काट दी. जो अखबार छप रहे थे, उन पर सख्त पाबंदिया लगाई गईं. पूरा देश एक बड़ी जेल बन गया था.
इतिहास के दूसरे अंश में बात विश्व प्रसिद्ध किताब ‘द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल’.की होगी, जो वास्तव में एक किताब नहीं बल्कि एक 13 साल की बच्ची की डायरी है. 25 जून साल 1947 में इसे प्रकाशित किया गया था. बात है दूसरे विश्वयुद्ध की तब नीदरलैंड पर नाजियों ने कब्जा कर लिया था. लोगों को छिपकर रहना पड़ता था और उन्हीं लोगों में से एक था ऐनी फ्रैंक का परिवार. 13 साल की ऐनी को डायरी लिखने का शौक था उसने अपने डायरी में वो सारी यातनाएं लिखीं जो नाजियों ने उसे और उसके परिवार को दी. नाजियों के गिरफ्त में रहते हुए महज 15 साल की उम्र में ऐनी ने दम तोड़ दिया. बाद में उनके पिता ने उसकी लिखी डायरी को प्रकाशित कराया. 1947 में 'द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल' नाम से यह डायरी पहली बार छपी और अब तक 70 से अधिक भाषाओं में यह किताब छप चुकी है. डायरी के पहले पन्ने में ऐनी ने लिखा था ‘मुझे उम्मीद है कि मैं अपनी हर बात तुम्हें बता सकूंगी, क्योंकि मैंने अपनी बातें कभी किसी से नहीं कहीं, और मैं आशा करती हूं कि हूं कि तुम मेरे लिए सुकून और संबंल का एक बड़ा स्रोत बनोगी.’
इतिहास के तीसरेअंश में बात सयुक्त राज्य अमेरिका की करेंगे. 25 जून साल 1788 ये वो दिन था जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने न्यू हैम्पशायर और वर्जीनिया शहर को नौवें और दसवें राज्य के रूप में मान्यता दी थी.
2013: उत्तराखंड में बाढ़ के दौरान रेस्क्यू मिशन में लगा वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में क्रू मेंबर्स समेत 20 लोग मारे गए.
2009: पॉप सिंगर माइकल जैक्सन का निधन हुआ.
1993: किम कैंपबेल कनाडा की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं.
1983: भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रनों से हरा कर पहली बार क्रिकेट विश्व कप का खिताब अपने नाम किया.
1932: लॉर्ड्स पर भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला.
1903: प्रसिद्ध लेखक जॉर्ज ओरवेल का मोतीहारी में जन्म हुआ। इनका असली नाम एरिक ऑर्थर ब्लेयर था.
1900: भारत में आखिरी ब्रिटिश वायसराय रहे लुई माउंटबेटन का जन्म हुआ.
ये भी देखें : History 24th June: युद्ध मैदान में शहीद हुई थीं रानी दुर्गावती, Test में बना भारत का दूसरा सबसे कम स्कोर