History 2 May: महात्मा गांधी की हत्या और गोडसे से जुड़ा है...आज का अहम इतिहास

Updated : May 01, 2024 23:47
|
Editorji News Desk

On This Day in History 2 May: महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को हुई थी. ये तो सबको याद होगा ही, पर हत्या से जुड़े केस में एक और महत्वपूर्ण तारीख है- 2 मई 1949, जब बापू के हत्यारों की सजा को लेकर पंजाब हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी. करीब 60 दिन सुनवाई चली और 21 जून को आरोपियों को सजा सुनाई गई.

बात बापू की हत्या की करें तो इतिहास के उस काले दिन की शुरुआत सामान्य ही थी. बापू रोजाना की तरह शाम पांच बजे प्रार्थना के लिए निकले थे. प्रार्थना शुरू होती, उससे पहले एक शख्स भीड़ में से आगे बढ़ा और बापू के पैर छूकर अपनी पिस्टल से उन पर 3 गोलियां दाग दी. बापू की उसी जगह मौत हो गई. गोली चलाने वाला शख्स पकड़ा गया, नाम था- नाथूराम गोडसे.

इस मामले में बंदूक पहुंचाने से लेकर गोडसे को प्रार्थना स्थल तक पहुंचने में मदद करने तक कई लोग शामिल थे. शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने 8 लोगों को आरोपी बनाया. नाथूराम गोडसे, उसका भाई गोपाल गोडसे, नारायण आप्टे, विष्णु करकरे, मदनलाल पाहवा, शंकर किस्तैया, दत्तात्रय परचुरे, विनायक सावरकर. इस मामले की सुनवाई लाल किले में बने ट्रायल कोर्ट में शुरू हुई थी.

जिसका फैसला 10 फरवरी 1949 को आया था. जज आत्मा चरण ने नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा सुनाई. सबूतों के अभाव में सावरकर को बरी किया। बाद में दत्तात्रेय परचुरे और शंकर किस्तैया को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। बाकी 3 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई। दोषियों ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ पंजाब हाईकोर्ट में अपील की.

उस समय पंजाब का हाईकोर्ट शिमला के मिंटो कोर्ट में था। 1904 में बने इस भवन में ही मामले की अंतिम सुनवाई हुई. गोडसे ने वकील की सेवाएं लेने से इनकार किया और खुद ही अपनी पैरवी की. उसका मकसद खुद को निर्भीक और हिंदूवादी विचारधारा के नायक के तौर पर पेश करना था. उसे कोई पछतावा नहीं था. अन्य आरोपियों के लिए अलग-अलग वकील मुकदमे लड़ रहे थे.

पंजाब हाईकोर्ट ने 21 जून 1949 को फैसला सुनाया. 315 पन्ने के फैसले में गोडसे और आप्टे की फांसी की सजा बरकरार रखी और सजा की तारीख 15 नवंबर 1949 तय की गई. गोडसे के परिवार ने तत्कालीन गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के सामने दया याचिका भी लगाई थी. इस बारे में कहा जाता है कि दया याचिका की जानकारी गोडसे को नहीं थी. 5 नवंबर 1949 को गवर्नर जनरल राजगोपालाचारी के सामने दया याचिका आई और 7 नवंबर को उन्होंने दया याचिका खारिज कर दी. 15 नवंबर 1949 को गोडसे और आप्टे को अंबाला जेल में फांसी पर लटका दिया गया. 12 अक्टूबर 1964 को गोपाल गोडसे, विष्णु करकरे और मदनलाल पाहवा उम्रकैद की सजा काटकर रिहा हुए.

2 मई 2011 ओसामा बिन लादेन की हत्या 
अमेरिका ने 11 सितंबर 2001 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का बदला पूरे दस साल बाद 2 मई 2011 को लिया. पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपे ओसामा बिन लादेन को ऑपरेशन नेपच्यून स्पीयर के तहत खत्म किया गया. ये पूरा ऑपरेशन इतना गोपनीय था कि पाकिस्तान सरकार तक को पता नहीं चला कि अमेरिकी सेना के विशेष दस्ते ने उसकी सीमा में घुसकर आतंकवादी संगठनों के सरगना ओसाम बिन लादेन को खत्म कर दिया है.

करीब 25 सील कमांडों ने 6 अमेरिकी हेलिकॉप्टर में अफगानिस्तान से उड़ान भरी. 90 मिनट के सफर के बाद ये हेलिकॉप्टर इस्लामाबाद से 120 किलोमीटर दूर एबटाबाद स्थित कंपाउंड में उतरे. मकान की तीसरी मंजिल पर ओसामा था, कमांडो वहां पहुंचे और लादेन के चेहरे व सिर पर गोली मारी. शव को एक बैग में पैक कर अफगानिस्तान ले गए. पूरा ऑपरेशन 40 मिनट चला. इसके बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ओसामा की मौत की पुष्टि की. अभियान में ओसामा की पत्नी और एक बेटे की भी मौत हो गई.

महान फिल्मकार सत्यजीत रे का हुआ था जन्म
महान जापानी फिल्मकार अकीरा कुरोसावा कहते थे, ‘अगर आपने सत्यजीत रे की फिल्में नहीं देखी तो इसका मतलब है कि आप दुनिया में सूरज या चांद को देखे बिना जी रहे हैं.’ सही कह गए हैं अकीरा. भारतीय सिनेमा को सत्यजीत रे ने ही पूरी दुनिया में पहुंचाया. इस महान फिल्मकार का जन्म 2 मई 1921 को हुआ था. वे ऐसे पहले भारतीय थे, जिन्हें अकादमी अवार्ड्स की कमेटी ने लाइफटाइम अचीवमेंट का ऑस्कर पुरस्कार कोलकाता में उनके घर आकर दिया था.

सत्यजीत रे कितना ताकतवर सिनेमा बनाते थे, इसका सबूत ये है कि उन्होंने अपने जीवनकाल में 36 फिल्मों का डायरेक्शन किया, जिनमें से 32 को राष्ट्रीय पुरस्कार मिले.

1985 में उन्हें हिंदी फिल्म उद्योग के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 1992 में उन्हें ऑस्कर और भारत रत्न दोनों साथ-साथ मिले. इसके करीब एक महीने के भीतर ही 23 अप्रैल 1992 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया.

देश-दुनिया की इन घटनाओं के लिए भी 2 मई को याद किया जाता है-

2008: बर्मा में चक्रवात नरगिस की वजह से 1 लाख 38 हजार लोग मारे गए और लाखों लोग बेघर हुए.

2003: भारत ने पाकिस्तान से राजनयिक संबंधों को फिर से जोड़ने का ऐलान किया. दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिए गए थे.

1986: अमेरिका की एन. बैन्क्राफ़ उत्तरी ध्रुव पर पहुंचने वाली पहली महिला बनीं.

1950: फ्रांस ने कोलकाता के पास स्थित चंद्रनगर को भारत सरकार को सौंपा.

1933: जर्मनी में हिटलर ने ट्रेड यूनियनों पर प्रतिबंध लगा दिया.

1519: महान चित्रकार लिओनार्दो दा विंची का निधन.

ये भी पढ़ें: 1st May History: 'मजदूर दिवस' से लेकर दो राज्यों के बंटवारे तक जानें आज के इतिहास में क्या-क्या हुआ?

aaj ka itihas

Recommended For You

editorji | भारत

History 05th July: दुनिया के सामने आई पहली 'Bikini', BBC ने शुरू किया था पहला News Bulletin; जानें इतिहास

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History 4 July: भारत और अमेरिका की आजादी से जुड़ा है आज का महत्वपूर्ण दिन, विवेकानंद से भी है कनेक्शन

editorji | एडिटरजी स्पेशल

Hathras Stampede: हाथरस के सत्संग की तरह भगदड़ मचे तो कैसे बचाएं जान? ये टिप्स आएंगे काम

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History 3 July: 'गरीबों के बैंक' से जुड़ा है आज का बेहद रोचक इतिहास

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History: आज धरती के भगवान 'डॉक्टर्स' को सम्मानित करने का दिन, देखें इतिहास