Himalayan Keeda Jadi : हिमालयी औषधि कीड़ा जड़ी में ऐसा क्या है जो चीन ने इसे पाने के लिए भारत में घुसपैठ कर डाली? कीड़ा जड़ी से आखिर कैसे हिमालयी गांवों (Himalayan Villages) की अर्थव्यवस्था चलती है? आइए जानते हैं कीड़ा जड़ी के बारे में सबकुछ (All about Keeda Jadi) इस आर्टिकल में...
चीन ने हिमालयी जड़ीबूटी कीड़ा जड़ी को इकट्ठा करने के लिए कई बार भारतीय इलाके में घुसपैठ की है. थिंक टैंक इंडो-पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस - Indo Pacific Centre for Strategic Communications (IPCSC) की नई रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने जड़ी-बूटी इकट्ठा करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में कई घुसपैठ की.
यह रिपोर्ट तवांग सेक्टर (Tawang Sector) में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हालिया झड़प के बीच आई है. इस मूल्यवान जड़ी बूटी को भारत में 'कीड़ा जड़ी' कहा जाता है और इसे हिमालयन गोल्ड के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं हिमालयी औषधि कीड़ा-जड़ी (Himalayan herb Keeda Jadi) के बारे में गहराई से...
सबसे पहले जानते हैं थिंक टैंक इंडो-पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस (IPCSC) के बारे में जिसने ये दावा किया है... ये थिंक टैंक इंडो-पैसिफिक मामलों, क्लाइमेट चेंज, दुष्प्रचार जैसे मामलों पर अध्ययन करता है और भारत में ही केंद्रित है. इसकी स्थापना 2021 में हुई थी...
कीड़ा जड़ी एक तरह का फंगस (Type of Fungus) है जिसे कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) कहा जाता है. कीडा जड़ी का वैज्ञानिक नाम ओफियोकार्डिसेप्स साइनेंसिस (Ophiocordyceps sinensis) है. चीन और नेपाल में इसे 'यार्सागुम्बा' (Yarsagumba) के नाम से जाना जाता है. तिब्बती इसे 'यार्सगानबु' कहते हैं. अंग्रेजी बोलने वाली दुनिया में इसे 'कैटरपिलर फंगस' (Caterpillar Fungus) कहा जाता है.
आम बोलचाल की भाषा में कहें तो ये एक जंगली मशरूम है. यह एक खास कीड़े की इल्लियों या कैटरपिलर्स को मारकर उसके ऊपर पनपता है. इसका नाम कीड़ा जड़ी रखने की एक वजह ये है कि ये देखने में आधा कीड़ा जैसा होता है और आधा जड़ी जैसा...
जब बर्फ पिघलने लगती हैं, तब छोटी घास और वनस्पति के बीच ये जड़ी बनना शुरू होती है. यह दुर्लभ रूप से पनपती है. किंघाई-तिब्बती पठार (Qinghai Tibetan Plateau) पर और पिथौरागढ़ और धारचूला (Pithoragarh and Dharchula) के आसपास की चोटियों पर ये काफी पनपती है. ये 3 हजार से 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर उगती है. इलाके के लोग जोखिम उठाकर इसे मुश्किल से इकट्ठा करते हैं. इसका व्यापार अवैध रूप से नेपास के रास्ते चीन को होता है.
चीन में इसकी मांग ज्यादा है क्योंकि वहां इसका इस्तेमाल प्राकृतिक स्टीरॉयड (Natural Steroid) की तरह होता है. इस जड़ी के चर्चा में आने और भाव बढ़ने के पीछे भी चीन के एथलीटों का ओलंपिक्स में रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन है.
इसके अलावा इस जड़ी का इस्तेमाल कमोत्तेजक दवाओं और स्वास्थ्यवर्धक फायदे के लिए भी होता है. इसमें कामोत्तेजक गुण होते हैं और इसलिए इसे हिमालयी वियाग्रा (Himalayan Viagra) भी कहा जाता है. कहीं ये 10 लाख रुपये प्रति किलो में बिकती है, तो कहीं उससे भी ज्यादा...
चीन दुनिया में कीड़ा जड़ी का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश है.
चीन में कीड़ा जड़ी की कीमत सोने से भी ज्यादा है
चीन में इस जड़ी-बूटी के सोने से भी ज्यादा है. 2022 में कीड़ा जड़ी का वैश्विक बाजार 1,072.50 मिलियन डॉलर था.
IPCSC की रिपोर्ट बताती है कि फंगस की कीमत इतनी ज्यादा है कि इसे इकट्ठा करने और बेचने से ही हिमालयी क्षेत्रों में पूरे कस्बों की अर्थव्यवस्था चलती है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि फंगस का व्यापार हिमालय और तिब्बती पठार में 80 फीसदी परिवारों की इनकम का स्रोत है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में पिछले कुछ वर्षों से कीड़ा जड़ी की फसल में गिरावट आ रही है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो वर्षों में चीन के सबसे बड़े उत्पादक क्षेत्र किंघाई में इसकी फसल में गिरावट आई है. पिछले 10 वर्षों में इस जड़ी की मांग भी तेजी से बढ़ी है.
फंगस को ज्यादा इकट्ठा करने का नतीजा ये हुआ कि चीन में 2010 और 2011 में 150,000 किलोग्राम उत्पादन हुआ जबकि 2018 में 41,200 किलोग्राम उत्पादन हुआ था. जड़ी-बूटी का उत्पादन करने वाली कंपनियां कीड़ा जड़ी उगाने के लिए पूरे पहाड़ों का अधिग्रहण करने के लिए लाखों खर्च कर रही हैं.
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