Heavy rainfall in India : गर्मी से बेहाल दिल्लीवासियों के लिए गुरुवार सुबह जो 'चीज' ख़ुशी बनकर आई, दोपहर होते-होते वही 'चीज़' ग़म में तब्दील हो गया. इसमें कोई बुझो तो जानो टाइप पहेली नहीं है. समझ तो गए ही होंगे कि वह 'चीज़' क्या है? जी मैं बारिश की बात कर रहा हूं. महज कुछ घंटो की बारिश ने दिल्ली के एम्स, धौला कुआं, ITO और IIT रोड जैसे कई इलाकों में झील जैसा नजारा बना दिया और यहां फंसी गाड़िया बोट की शक्ल में नज़र आई. एक तरफ बारिश की बूंदे लोगों के मन में नई उम्मीदों को जन्म दे रही थी तो वहीं सड़क कम स्वीमिंग पूल, उन्हीं उम्मीदों की सांस घोट दे रही थी. ऐसी हालत सिर्फ दिल्ली की नहीं थी. गुरुवार को पूरा मुंबई भी बारिश के पानी में डूबा नजर आया. अंधेरी से सांताक्रूज और हिंदमाता से वर्ली तक मुंबई के कई इलाके जलमग्न हो गए थे. उसके बाद वहां के क्या हालात थे, इसका अंदाज़ा आप इन विजुअल्स से लगा सकते हैं.
गर्मी छुट्टी का आनंद ले रहे इन बच्चों के लिए यह बारिश भले ही मजे लेकर आई हो, लेकिन जो लोग इस दौरान सड़कों पर ट्रैफिक में फंसे थे उनसे पूछिए कि उनके लिए यह बारिश क्या थी? सड़क पर फंसी गाड़ियों की यह तस्वीरें देखकर थोड़ा बहुत अंदाज़ा आप भी लगा सकते हैं. दिन भर जलजमाव की वजह से गाड़ियां बगल-बगल से निकलती रही, ताकि गाड़ी के इंजन में पानी ना चला जाए...
अपने स्क्रीन पर यह चार तस्वीरें देखिए... फोटो सुंदर हैं.. आप चाहें तो इसे देखकर अपने मन-मस्तिष्क के भीतर बारिश का लुत्फ उठा सकते हैं. लेकिन अगर आपभी सड़क चलते हुए इस बारिश में फंसे हैं तो फिर मन में इस तस्वीर का सुंदर चित्रण आपसे बेहतर कोई नहीं कर सकता.
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अब एक तस्वीर और देखिए. वीडियो में दिख रहे कुछ लोग जहां छलांग लगा रहे हैं, वह स्वीमिंग पुल नहीं है बल्कि रोहतक विश्वविद्यालय है. अमित मिश्रा नाम के एक वैरिफाइड ट्विटर यूजर ने अपने हैंडल पर इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है- कल की बारिश ने University को स्विमिंग पूल में बदल दिया.. बच्चों ने भी खूब मजे लिए. BJP शासित हरियाणा...
कृष्णा नाम के एक अन्य वैरिफाइड यूजर ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है- प्रधानमंत्री ने प्रगति मैदान के इस सुरंग का कुछ ही दिन पहले उद्घाटन किया था. पहली ही बारिश में ये हाल .... आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि यह वही प्रगति मैदान का टनेल है जहां 19 जून को प्रधानमंत्री मोदी, कचरा साफ कर रहे थे ताकि टनेल सुंदर दिखे. यह वाला विजुअल तो आपने देखा ही होगा. सवाल उठता है कि अब इस टनेल की सुंदरता का ख्याल कौन रखेगा?
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अब एक और ट्वीट देखिए. यह अभिषेक नाम के यूजर का है. हालांकि यह वैरिफाइड तो नहीं है लेकिन बतौर नागरिक मैंने अभिषेक के मतों का भी ख्याल रखा है. अभिषेक ने मनीष सिसोदिया के घर के बाहर की फोटो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है- क्या यह वेनिस है? क्या यह मनीष सिसोदिया का बड़ा घर है? कौन बता सकता है?
अब कुछ तस्वीरें भारत के सबसे 'ग़रीब, शोषित, अभावग्रस्त' प्रदेश से. ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि देश के किसी भी महानगर में जाइए और चर्चा में बिहारियों को शामिल कीजिए... अगर सामने वाला शख्स बिहार के बारे में पर्सनली कुछ नहीं जानता है तो वह आपको कुछ ऐसा ही समझेगा. कटु है लेकिन सच है. महानगरों का एक बड़ा वर्ग बिहारी होने का मतलब मजदूर होना ही समझता है. क्या इसके लिए वहां की सरकारें और नेता जिम्मेदार नहीं है?
आख़िर क्या वजह है कि प्रत्येक साल बाढ़ की मार झलने वाला बिहार अब तक इसका कोई निदान नहीं निकाल पाया? हर बार बाढ़ आती है और सबकुछ तबाह कर ले जाती है. बिहार सरकार फिर से उसे ठीक करने में जुट जाती है, जिसे फिर से अगले साल खराब होना है और वहां के वाशिंदे कर्ज लेकर एक बार फिर से अपनी पुरानी गृहस्थी ठीक करने की कोशिश करते हैं, जिसे पिछले साल भी कर्ज लेकर ठीक किया था. यानी सरकार और वाशिंदे दोनों की जिंदगी कर्ज़ चुकाने में निकल जाती है. किसी एपिसोड में बिहार के बाढ़ पर बात करूंगा तो फिर आंकड़े भी बताऊंगा. फिलहाल कुछ वीडियो देखिए. यह वीडियो बिहार के स्मार्ट सिटी और राजधानी पटना के पुलिस स्टेशन का है.
अगली तस्वीर बिहार के अस्पताल की है. यह अस्पताल झील बना हुआ है. यहां पर मरीज अपना इलाज़ करवाते हैं और परिजन जलमहल का लुत्फ उठाते हैं. एक और अस्पताल देखिए. यह तस्वीर पटना के NMCH की है. यहां पर मरीज के परिजन खाली समय में वॉटर फॉल का मजा लेते हैं...
आप सोच रहे होंगे, इतनी गंभीर खबरों पर मैं मौज ले रहा हूं सवाल नहीं खड़े कर रहा. मैं पूछता हूं सवाल किन-किन से करूं? कहां की सरकारें कूड़ा नहीं कर रही है? और मेरा सवाल आपसे है कि मौज कौन नहीं ले रहा है?
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यह जश्न क्रिकेट मैच जीतने का नहीं है और मौज लेने वाले यह लोग आमलोग भी नहीं है. यह विधायक हैं जो अब तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में मौज ले रहे थे और अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लेंगे. देश की फिक्र ही किसको है. क्या एक नागरिक होने के नाते आपको फर्क पड़ता है कि किस तरह विधायक रातोंरात खेमा बदल लेते हैं? आपके लिए यह क्रिकेट मैच की तरह है. अगर जीतने वाला आपकी पसंद का है तो आप ख़ुश होते हैं, नहीं तो कोसते हैं. दोनों ही सूरत में आप एक राजनीतिक दल की तरह सोचते हैं, नागरिक की तरह नहीं. इसलिए मेरे सवाल
यह वीडियो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की है... इन्होंने ख़ुद ही वीडियो भी पोस्ट की है. पूर्व सीएम साहब ने कैप्शन में लिखा है- रोहतक में लोगों के घर और दुकानों में 2 दिन से पानी जमा है. निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. जनता को बेहाल छोड़कर प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है. ऐसा लगता है प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. जल्द जल निकासी की व्यवस्था की जाए और लोगों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए.
वीडियो देखिए और तय कीजिए कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री वाकई, लोगों की समस्या को दिखलाने निकले हैं? आप समझदार हैं. ख़ुद ही तय कर लीजिए. देश में इन दिनों दिखाने की होड़ लगी है. कोई कचरा उठा रहे हैं तो कोई जनसमूह के साथ जलपर्यटन कर रहे हैं. इसलिए कह रहा हूं कि राजनीतिक दल मत बनिए, नागरिक बनिए. तभी आपके हित सुरक्षित बचेंगे. नहीं तो आपके पास नागरिक बनने का विकल्प भी नहीं बचेगा.
अब एक बार SSCGD2018 के अभ्यर्थियों की बात कर लेते हैं. हाथों में तिरंगा लिए, कैमरे के सामने सलामी देते यह लोग भविष्य के अग्निवीर नहीं हैं. यह बच्चे SSCGD 2018 की परीक्षा में शामिल हुए थे. नतीजे जनवरी-2021 में ही जारी कर दिए गए थे. 55 हज़ार उम्मीदवारों को नौकरी मिल गई लेकिन तकरीबन पांच हज़ार अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र पाने से रह गए. शुक्रवार को इन अभ्यर्थियों के नागपुर से दिल्ली पैदल मार्च का 31वां दिन है. इन पांच हज़ार अभ्यर्थियों को अब भी नियुक्ति पत्र का इंतज़ार है. इस पर मैंने एक पूरा कार्यक्रम किया था. लिंक ऊपर दिख रहा है, यहां क्लिक कर पूरी खबर देख सकते हैं.
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आख़िर में बात एडिटर जी के उस ख़बर की जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की ही अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए कहा कि शर्मा के बयान ने पूरे देश को ख़तरे में डाल दिया है. मैंने कल यानी गुरुवार को ही इसपर खबर बनाई थी और कहा था कि नूपुर शर्मा की लगाई आग में टेलर कन्हैयालाल भेंट चढ़ गए. लिंक ऊपर दिख रहा है, यहां क्लिक कर पूरी खबर देख सकते हैं. स्पष्ट कर दूं कि नूपुर शर्मा का नाम लेकर मैं कन्हैयालाल का गला रेत देना जस्टिफ़ाई नहीं कर रहा. रियाज़ और गौस मोहम्मद आतंकवादी हैं और दोनों पर कार्रवाई भी उसी तरीके से होनी चाहिए....