ZEEL Case: सेबी ने SAT को दिया जवाब, सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका ने जनता के पैसे के साथ की हेराफेरी

Updated : Jun 19, 2023 15:14
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Editorji News Desk

ZEEL Case: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने Zee Enterprises के मामले में सिक्योरिटीज एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) को बताया कि इस बड़ी लिस्टेड कंपनी के चेयरमैन सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) और सीईओ पुनीत गोयनका (Punit Goenka) ने जनता के पैसे को प्राइवेट कंपनियों को डायवर्ट किया है.

IANS के मुताबिक SAT को दिए जवाब में सेबी ने कहा कि इस बड़ी लिस्टेड कंपनी के चेयरमैन और सीईओ कई स्कीम्स और ट्रांजेक्शन में शामिल हैं, जिनके जरिए लिस्टेड कंपनियों से पब्लिक मनी उनके द्वारा कंट्रोल की जाने वाली प्राइवेट कंपनियों में डायवर्ट की गई है.

बता दें कि सेबी ने अभी कुछ दिनों पहले सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका को किसी लिस्टेड कंपनी या उसकी सब्सिडियरी कंपनियों में डायरेक्टर या मैनेजमेंट में प्रमुख पदों पर रहने पर रोक लगाई थी. इसके बाद सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका ने सेबी के आदेश के खिलाफ एसएटी में याचिका दायर की. लेकिन एसएटी ने सेबी के अंतरिम आदेश पर रोक लगाने से मना कर दिया है. 

इस बीच जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEE) ने सेबी को लिखा कि लगातार और बार-बार जांच करना कंपनी और इसके शेयरधारकों के लिए ठीक नहीं है. साथ ही इससे ज़ी और सोनी के मर्जर की प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है. बता दें कि ज़ी-सोनी के मर्जर की घोषणा 2021 में हुई थी जो कि अगस्त महीने के खत्म होने तक पूरा होना था.

क्या है मामला?

सेबी को जांच में पता चला कि एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने 4 सितंबर 2018 को यस बैंक (Yes Bank) को एलओसी यानी लेटर ऑफ कंफर्ट जारी किया था. ये LoC, एस्सेल ग्रुप की अन्य कंपनियों की तरफ से यस बैंक से लिए गए लोन की गारंटी के तौर पर जारी किया गया था.

इस लेटर में कहा गया था कि एस्सेल ग्रीन मोबिलिटी पर जो 200 करोड़ रुपये का लोन है उसके बदले ग्रुप की किसी कंपनी की तरफ से यस बैंक में 200 करोड़ रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट रखा जाएगा.

ये भी साफ किया गया था कि डिफॉल्ट की स्थिति में यस बैंक इस FD को लोन के बदले एडजस्ट कर सकता है.

LoC की वजह से यस बैंक ने एस्सेल ग्रुप की 7 कंपनियों को दिए लोन के बदले में जी एंटरटेनमेंट की 200 करोड़ रुपये की FD को एडजस्ट कर लिया. हालांकि ZEE लिमिटेड ने SEBI को बताया था कि जी एंटरटेनमेंट को ये पैसे लौटा दिए गए थे.

बता दें कि, चंद्रा और गोयनका ने बोर्ड की मंज़ूरी लिए बिना एलओसी पर साइन किए थे. 

SEBI ने आदेश में लिखा है कि फंड्स की हेराफेरी, बेहद सुनियोजित तरीके से की जा रही थी. कुछ मामलों में तो ये भी देखा गया कि दो दिन के अंदर ही 13 संस्थाओं के ज़रिए ट्रांजेक्शंस किए गए.

 

 

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