Pulses Price Hike: देश में इस साल मॉनसून कमज़ोर रहने की वजह से खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़े हैं. इनमें तुअर दाल भी शामिल है जो एक साल में 37 फीसदी तक महंगी हुई है. हालांकि पिछले एक हफ्ते से कुछ राज्यों में अच्छी बारिश हो रही है लेकिन इससे भी हालात में सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है.
बैंक ऑफ बड़ौदा की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भले ही इस सीजन में अनाजों का उत्पादन बढ़ाने का अनुमान पेश किया गया है, लेकिन उत्पादन पर मौसम की मार का असर होगा. और इस वजह से आरबीआई को महंगाई दर 5.5 फीसदी से कम बनाए रखने में मुश्किल आएगी. रिपोर्ट के मुताबिक सोयाबीन के अलावा सभी तरह के खाद्यान्नों के दाम तेजी से बढ़ सकते हैं.
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केंद्र सरकार ने दालों की डिमांड को पूरी करने के लिए आयात को बढ़ाकर दोगुना किया है. साथ ही दाम स्थिर रखने के लिए चावल, दाल और चीनी का निर्यात भी रोक दिया है.
केंद्र सरकार के सेंट्रल पूल में 31 अगस्त को चावल का स्टॉक 2.43 करोड़ मीट्रिक टन था जो कि अगस्त 2018 के बाद सबसे कम है. अगस्त 2022 में स्टॉक 2.8 करोड़, अगस्त 2021 में 2.91 करोड़, अगस्त 2020 में 2.53 करोड़ और अगस्त 2019 में 2.75 करोड़ मीट्रिक टन था.
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