2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार को गांवों से मिल सकता है बड़ा समर्थन, Nomura ने जारी किया अनुमान

Updated : Jan 04, 2024 16:06
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Editorji News Desk

India's Rural Demand: भारतीय अर्थव्यवस्था तमाम वैश्विक चुनौतियों के बीच भी अनुमानों से बेहतर गति से आगे बढ़ रही है और दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी हुई है. ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंकिंग फर्म नोमुरा (Nomura) के मुताबिक, आने वाले दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार में ग्रामीण क्षेत्रों का योगदान बढ़ सकता है.

नोमुरा के अनुसार, आगामी वित्त वर्ष में महंगाई की रफ्तार में नरमी आने का अनुमान है. मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.7 फीसदी से ग्रो कर सकती है, जिसकी अगले वित्त वर्ष में कम होकर 5.6 फीसदी पर आने की आशंका है. हालांकि, कीमतें कम होने से उपभोग में काफी बढ़ोतरी हो सकती है.  

इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, नोमुरा ने कहा, ''चालू वित्त वर्ष में महंगाई के 5.6 फीसदी पर रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में कम होकर 4.5 फीसदी रह सकती है. कोविड महामारी के समय ग्रामीण क्षेत्रों में सेविंग्स समाप्त हो गई थी, जो अब धीरे-धीरे पुरानी स्थिति में लौटने लगी है. ग्रामीण मांग को सपोर्ट करने के पीछे कई कारक हैं , जैसे कि- चुनावों से पहले होने वाले खर्च से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अतिरिक्त नकदी आने के अनुमान हैं. साथ ही मौजूदा सरकार के अगले साल बने रहने के अनुमान से भी ग्रामीण उपभोग को सपोर्ट मिल सकता है. 

ग्लोबल बैंकिंग फर्म के मुताबिक, उपभोग को समर्थन देने की दिशा में एक और बड़ा कारक रूरल वेज है, जो लगातार रूरल इंफ्लेशन से ज्यादा है. इसका मतलब है कि गांवों में लोगों को महंगाई से ज्यादा कमाई हो रही है. भले ही 2023 में रूरल डिमांड कमज़ोर रही हो, लेकिन इंडस्ट्री के आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही से पूरे साल के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में सुधार होता गया है.

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