Israel-Hamas War impact on Indian companies: इजरायल और हमास के बीच लड़ाई की वजह से भारत के इजरायल के साथ अरबों डॉलर के व्यापार पर भी असर पड़ सकता है. भारत इजराइल के लिए एशिया में तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. भारत-इजराइल के बीच व्यापारिक सबंधों की बात की जाए तो भारत में 300 से ज्यादा इजराइली कंपनियों ने निवेश कर रखा है. इजराइल से भारत में होने वाला एफडीआई यानी फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट 28.5 डॉलर तक पहुंच गया है. साथ ही भारतीय प्रोजेक्ट्स में इजराइल का निवेश 27 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा है.
भारत और इजराइल के बीच अगर आयात और निर्यात को देखें तो वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने इजराइल से करीब 1400 तरह के समान का आयात किया. इनमें मोती, रत्न-आभूषण, फर्टिलाइजर, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकॉम कंपोनेंट, फोटोवोल्टेक सेल (Photovoltaic cells) ,पोटैशियम क्लोराइड (Potassium chloride) और क्रूड आदि शामिल है. इस आयात की वैल्यू करीब 2.32 अरब डॉलर है.
ये भी पढ़ें: रॉकेट वहां छूट रहे तो दहशत यहां भी कम नहीं! इजरायल-हमास युद्ध में भारत क्यों परेशान
वहीं, दूसरी तरफ निर्यात की बात करें तो भारत ने इजराइल को वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 3500 वस्तुओं का निर्यात किया है जो कि करीब 8.45 अरब डॉलर का रहा है. भारत इजराइल को तराशे हुए हीरे, ज्वेलरी, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सामान की सप्लाई करता है. साथ ही भारत की ओर से इजराइल को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट (Software Development), आईटी कंसल्टिंग (IT Consulting) और डेटा प्रोसेसिंग (Data Processing) जैसी आईटी सर्विसेज (IT Services) भी ऑफर की जाती हैं. इसके अलावा कृषि, वाटर टेक्नोलॉजी (Water Technology) और रिन्युएबल एनर्जी (Renewable Energy) में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं. इजराइल की मदद से आईआईटी मद्रास में एक वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट और वाटर टेक्नोलॉजी सेंटर भी बनाया गया है. एग्रीकल्चर सेक्टर में भी भारत को इजराइल की टेक्नोलॉजी मिल रही है.
GTRI यानी ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के मुताबिक भारत इजराइल के लोगों के लिए पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन है. इजराइल ने मेडिकल इनोवेशन में काफी तरक्की की हुई है, इसलिए भारत वहां से मेडिकल इक्विपमेंट और टेक्नोलॉजी भी इंपोर्ट करता है. वहीं, इजराइली कंपनी भारतीय हेल्थकेयर स्टार्टअप्स में निवेश करती है.
बता दें कि दोनों देशों के बीच 2022 से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) को लेकर आपस में बातचीत जारी है.
उद्योगपति गौतम अडानी ने इजराइल में बड़ा निवेश किया हुआ है. अडानी ग्रुप ने कुछ समय पहले ही इजराइल का सबसे बड़ा बंदरगाह हाइफा पोर्ट खरीदा है. इसके लिए अडानी पोर्ट्स और इजराइल के गादोत ग्रुप (Gadot Group) के बीच 1.18 अरब डॉलर की डील हुई थी. इस पोर्ट में अडानी ग्रुप के पास 70 फीसदी और गादोत ग्रुप के पास 30 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा टेक महिंद्रा, इंफोसिस और विप्रो इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियों ने इजराइल में निवेश किया हुआ है.
टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) ने 2014 में इजराइल में टेलीकॉम कंपनियों के लिए नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर 'लीडकॉम इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस लिमिटेड' को खरीदा था. इसके अलावा कंपनी ने 2015 में इजराइल में एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने के लिए इजराइल की कंपनी 'कॉमवर्स इंक' के साथ पार्टनरशिप की थी. इंफोसिस (Infosys) ने इजराइल की क्लाउडिन में 2016 में 4 मिलियन डॉलर का निवेश किया है और विप्रो (Wipro) ने इजराइल की साइबरसिटी स्टार्टअप Intsights Cyber Intelligence में 1.5 मिलियन डॉलर का निवेश किया था. बाद में कंपनी ने अपनी हिस्स्दारी बेच दी थी.