Q2 GDP Data: वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही के जीडीपी (GDP) आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. जुलाई से सितंबर तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 7.6 फीसदी रही है. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ये आंकड़ा 6.3% रहा था. वहीं, वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान जीडीपी 7.8 फीसदी रही थी.
अगर सेक्टर वाइज ग्रोथ की बात करें तो एग्रीकल्चर सेक्टर में ये ग्रोथ 1.2 % रही जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2.5% थी. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 13.9% रही जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में -3.8% थी. कंस्ट्रक्शन सेक्टर में जीडीपी 13.3% रही जो कि पिछले वित्त वर्ष 5.7 % थी.
फाइनेंस और रियल एस्टेट में ग्रोथ पिछली तिमाही की 5.8 फीसदी से बढ़कर 10 फीसदी, ट्रेड, होटल सेक्टर की ग्रोथ 9.2% से घटकर 4.3% रही. वहीं, इलेक्ट्रिसिटी की ग्रोथ घटी है जो 2.9% से बढ़कर 10.1% रही. माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 5.8% से बढ़कर 10% रही.
वहीं, GVA यानी ग्रॉस वैल्यू एडेड की बात करें तो वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के 7.8 फीसदी की तुलना में ये 7.4 फीसदी रहा.
अक्टूबर तक वित्तीय घाटा बढ़कर 8.04 लाख करोड़ रुपए हुआ. वहीं राजस्व घाटा बजटीय लक्ष्य का 32.1% होकर 2.8 लाख करोड़ रुपए रहा.
बता दें कि जीडीपी के आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने जारी किए हैं.
जीडीपी यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (Gross Domestic Product). किसी एक साल में देश में जितनी भी सेवायें और सामान प्रोड्यूस किए जाते हैं, उनकी कुल वैल्यू को जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) कहा जाता है. GDP से किसी देश की इकॉनमी की हालत का पता चलता है. यह दो प्रकार की होती है- रियल जीडीपी (Real GDP) और नॉमिनल जीडीपी (Nominal GDP). रियल जीडीपी में बेस ईयर की वैल्यू पर गुड्स और सर्विसेज की कैलकुलेशन की जाती है. जबकि, नॉमिनल GDP में मौज़ूदा वैल्यू पर कैलकुलेशन की जाती है.
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