IDFC-IDFC First Bank Merger: HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के विलय के बाद अब एक और प्राइवेट सेक्टर की बैंक का मर्जर होने जा रहा है. IDFC फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने IDFC लिमिटेड और IDFC फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी के मर्जर को मंजूरी दे दी है. HDFC ग्रुप के मर्जर के बाद फाइनेंशियल सेक्टर में यह दूसरी सबसे बड़ी मर्जर डील है.
IDFC फर्स्ट बैंक ने सोमवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि ये मर्जर इस साल पूरा हो जाएगा. हालांकि, अभी इस मर्जर को सेबी, आरबीआई, CCI, NCLT, BSE, NSE की और अन्य रेगुलेटरी अथॉरिटी की मंजूरी मिलना बाकी है.
फिलहाल IDFC फर्स्ट बैंक में IDFC लिमिटेड की लगभग 40 फीसदी हिस्सेदारी है. इस मर्जर के बाद IDFC फर्स्ट बैंक में IDFC की स्टेकहोल्डिंग खत्म हो जाएगी.
इस मर्जर का रेश्यो 155:100 तय किया गया है जिसके तहत IDFC के 100 शेयर के बदले बैंक के शेयरधारकों को 155 शेयर मिलेंगे. बता दें कि 2018 में आईडीएफसी बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी कैपिटल फर्स्ट का विलय हुआ था जिसके बाद बैंक का नाम बदलकर IDFC फर्स्ट बैंक हो गया.
IDFC फर्स्ट बैंक के मुताबिक, इस मर्जर से कॉरपोरेट स्ट्रक्चर का सरलीकरण होगा. मर्जर से IDFC लिमिटेड के शेयरहोल्डर्स सीधे IDFC फर्स्ट बैंक के शेयरहोल्डर बन जाएंगे जिससे शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर आसान हो जाएगा.
इस मर्जर को मंज़ूरी मिलने के बाद सोमवार को IDFC के शेयरों में बड़ी हलचल देखी गई. आईडीएफसी के शेयर 5 फीसदी उछलकर 52 हफ्ते के हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गए. इसके शेयर 6.3 फीसदी बढ़कर 109.20 रुपए प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहे थे. वहीं, IDFC फर्स्ट बैंक के शेयर 3 फीसदी के उछाल के साथ 81.95 रुपए पर बंद हुए. मर्जर के बाद बैंक के प्रति शेयर स्टैंडअलोन बुक वैल्यू में 4.9% की बढ़ोतरी होगी।
IDFC फर्स्ट बैंक के अनुसार, इस साल मार्च के खत्म होने तक IDFC फर्स्ट बैंक के पास कुल 2.4 लाख करोड़ रुपए के एसेट्स और टर्न ओवर 27,194.51 करोड़ रुपए था. वित्त वर्ष 2023 के लिए बैंक का नेट प्रॉफिट 2437.13 करोड़ रुपए था. वहीं, IDFC लिमिटेड की कुल संपत्ति 9,570.64 करोड़ रुपए और टर्नओवर 2,076 करोड़ रुपए था.