देर हुई आने में तुमको शुक्र है फिर भी आए तो. मशहूर गाने की यह लाइनें LIC IPO के लिए बिल्कुल फिट बैठती हैं. LIC IPO का इंतेजार भी जल्द जल्द ही खत्म होने वाला है.
दरअसल 13 फरवरी को केंद्र सरकार ने LIC IPO के लिए बाजार नियामक SEBI के पास Draft Red Herring Prospectus यानी कि IPO से जुड़े दस्तावेज दाखिल कर दिए.
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ऐसी उम्मीद की जा रही है कि, इस वित्त वर्ष में LIC का IPO आ सकता है. दस्तावेज के मुताबिक सरकार IPO के जरिए LIC में करीब 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है. सरकार 6.32 अरब शेयरों में से करीब 31.6 करोड़ इक्विटी शेयर बेचेगी.
LIC IPO के जरिए जो भी पैसा आएगा, वह सारा सरकार के खजाने में जाएगा ना कि LIC के पास, क्योंकि कंपनी की तरफ से कोई नया शेयर जारी नहीं किया जा रहा है. LIC IPO से सरकार को विनिवेश के संशोधित लक्ष्य 78 हजार करोड़ रुपये को हासिल करने में मदद मिलेगी. पहले यह लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये था.
LIC IPO में 50 फीसदी शेयर क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए रिजर्व हैं. वहीं करीब 15 फीसदी शेयर गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित रहेंगे. रिटेल निवेशकों के लिए 35 फीसदी शेयर आरक्षित रहेंगे. LIC के कर्मचारियों और पॉलिसीहोल्डर्स के लिए भी इस IPO में कुछ शेयर आरक्षित रहेंगे.
LIC IPO भारत के इतिहास का सबसे बड़ा IPO होगा. सरकार द्वारा LIC में अपनी 5 फीसद हिस्सेदारी बेचकर इस 66,000 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है.