टाटा ग्रुप ने तुर्की के इल्कर अइसी को एयर इंडिया का CEO बनाया है, लेकिन उनकी नियुक्ति खटाई में पड़ सकती है. दरअसल अइसी तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन के करीबी माने जाते हैं.
एर्दोआन पाकिस्तान के दोस्त हैं और कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठा चुके हैं. ऐसे में अइसी की एयर इंडिया में नियुक्ति को सरकार की तरफ से हरी झंडी मिलने पर संशय है.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक टाटा संस ने अइसी की नियुक्ति को मंजूरी देने के लिए सरकार के पास आवेदन किया है. लेकिन भारत और तुर्की के संबंधों को देखते हुए सरकार को इसमें कई बातों पर गौर करना होगा.
एक अधिकारी ने कहा, अब सबकुछ सरकार के हाथ में है क्योंकि एयर इंडिया को हमेशा से राष्ट्रीय गौरव और राष्ट्रीय संपत्ति माना जाता है. साथ ही एविएशन सेक्टर में सुरक्षा के लिहाज से काफी जांच पड़ताल की जाती है.
कहा जा रहा है कि, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने भी टाटा ग्रुप के अधिकारियों के साथ इस बारे में अनौपचारिक बातचीत की है. हाल में खबर आई थी कि गृह मंत्रालय अइसी के बैकग्राउंड की जांच करेग, जिसमें RAW से मदद ली जा सकती है.
एक रिपोर्ट में अइसी और अल कायदा के एक कथित फाइनेंसर के बीच कनेक्शन का दावा किया गया था, लेकिन इसमें कुछ भी साबित नहीं हो पाया था.