Gold Outlook 2024: मजबूत डॉलर और बढ़ते अमेरिकी ट्रेज़री यील्ड के बावजूद, 2023 में सोने की कीमतें लचीली रहीं यानी इनमें उतार-चढ़ाव बना रहा. 28 दिसंबर तक के आंकड़ों की बात करें तो इंटरनेशनल मार्केट में करीब 14 फीसदी और डोमेस्टिक मार्केट में लगभग 16 फीसदी का रिटर्न मिला. मार्केट की डायनेमिक्स, जियो-पॉलिटिकल टेंशन, डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी यील्ड के फ्लो जैसे कई फैक्टर्स रहे जिनसे सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहा.
बढ़ती महंगाई की वजह से भी सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई क्योंकि महंगाई के समय सोना निवेश के लिए सेफ हेवन माना जाता है. जब बढ़ती महंगाई के कारण करेंसी का मूल्य गिर जाता है, तो निवेशक अपने निवेश की वैल्यू को संरक्षित करने के लिए सोना खरीदने लगते हैं जिससे सोने की मांग बढ़ जाती है जिससे इसकी कीमत बढ़ जाती है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भू-राजनीतिक कारकों के कारण मध्यम अवधि में सोने की कीमतें अधिक बनी रह सकती हैं. वे इस बात पर जोर देते हैं कि निवेशक सोने में निवेश जारी रख सकते हैं और कीमत में गिरावट होने पर अधिक खरीददारी कर सकते हैं.
लाइव मिंट के मुताबिक, क्वांटम एएमसी के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर चिराग मेहता, और क्वांटम एएमसी में ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स की फंड मैनेजर गज़ल जैन का कहना है कि साल 2024 में सोना निवेश के लिए उपयोगी एसेट हो सकता है. हालांकि ब्याज दरें ज्यादा हैं और रेट्स में कटौती का समय और सीमा अनिश्चित है, तो इससे बाज़ारों को अटकलें लगाने का मौका मिल सकता है. इससे सोने समेत एसेट मार्केट वोलैटाइल हो सकता है.
वहीं, ऐक्सिस सिक्योरिटीज के मुताबिक, सोने की कीमतों के लिए आउटलुक पॉजिटिव नज़र आ रहा है.
HDFC सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख, दीपक जसानी का कहना है कि साल 2023 में जियो-पॉलिटिकल टेंशन और आर्थिक अनिश्चितता की वजह से डोमेस्टिक और कॉमेक्स मार्केट में सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिला. उन्होंने आगे कहा कि 2024 में ब्याज दरों में कटौती होने की संभावना है जिससे डॉलर की डिमांड और ट्रेजरी यील्ड में गिरावट आएगी और सोने की मांग बढ़ेगी.
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