नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व MD और CEO चित्रा रामकृष्णा को लेकर SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने एक बड़ा खुलासा किया है. चित्रा रामकृष्णा पिछले 20 सालों से हिमालय में रहने वाले एक योगी के कहने पर अपने हर फैसले लेती रहीं थी.
योगी के कहने पर ही चित्रा रामकृष्णा ने आनन्द सुब्रमण्यम की नियुक्ति एक्सचेंज के ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर और एमडी एडवाइजर के रूप में की थी.
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सेबी ने बताया कि, रामकृष्णा ने सुब्रमण्यम को कई बार मनमाने तरीके से Salary Hike दी, जबकि उनके परफॉर्मेंस के मूल्यांकन का कोई सबूत मौजूद नहीं है.
SEBI द्वारा शुक्रवार को पास किए गए ऑर्डर में ये बातें सामने आईं. रेगुलेटर ने रामकृष्णा और अन्य के खिलाफ ऑर्डर पास किया है. ऑर्डर में कहा गया है कि रामकृष्णा ने NSE के कुछ फाइनेंशियल और बिजनेस प्लान, डिविडेंड से जुड़ी बातें, फाइनेंशियल रिजल्ट्स और कुछ अन्य गोपनीय सूचनाएं योगी के साथ शेयर कीं. इतना ही नहीं NSE के कर्मचारियों के अप्रेजल को लेकर भी उन्होंने योगी से विचार-विमर्श किए थे.
रामकृष्णा योगी को शिरोमणि के रूप में रेफर करती हैं और पिछले 20 साल से हर तरह के पर्सनल और प्रोफेशल मामले पर उनकी राय के आधार पर फैसले लेती रही हैं. रामकृष्णा अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 के बीच NSE की MD और CEO रही थीं.
गवर्नेंस में खामी को लेकर सेबी ने रामकृष्णा पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा रामकृष्णा और सुब्रमण्यम किसी भी मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन या सेबी के साथ रजिस्टर्ड किसी भी इंटरमीडियटरी के साथ तीन साल तक एसोसिएट नहीं हो सकते हैं.