आज कल भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी काफी मात्रा में बढ़ गई है. ऑनलाइन धोखाधड़ी को लेकर नए आंकड़े सामने आए है जिसमें भारतीयों ने 4 महीने में साइबर क्राइम का शिकार होकर 7,061.51 करोड़ रुपये गवाए है. भारत के राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर प्रतिदिन लगभग 7,000 साइबर-संबंधित शिकायतें दर्ज की जाती हैं. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) से पता चला है कि इन धोखाधड़ी का एक बड़ा हिस्सा कंबोडिया, म्यांमार और लाओस जैसे देशों से हो रहा है.
I4C के सीईओ राजेश कुमार ने बुधवार को कहा है ,कि इन अपराधों में इस्तेमाल किए गए कई वेब एप्लिकेशन मैंडरिन भाषा में लिखे गए हैं. इससे भारत को प्रभावित करने वाले साइबर अपराधों में चीनी लिंक की संभावना होने की चिंता जताई गई है. दिलचस्प बात यह है कि चीन भी ऐसे ही घोटालों का शिकार है. इन देशों से लगभग 44,000 चीनी नागरिकों को वापस लाया गया है, जो साइबर आपराधिक गतिविधि के एक व्यापक और जटिल जाल में फंसे है.
I4C के सीईओ ने कहा कि, भारतीय लोग विभिन्न घोटालों में बड़ी मात्रा में अपने पैसे गवा रहे है पिछले कुछ महीनों में देश में साइबर अपराधों में 7,061.51 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें से "हम लगभग 12 प्रतिशत पर ग्रहणाधिकार लगाने में सक्षम हैं, जो लगभग 812.72 करोड़ रुपये है".
मौजूद डेटा चिंताजनक हालत दर्शाता है:
2024 (30 अप्रैल तक): 740,000 शिकायतें
2023: 1.56 मिलियन शिकायतें
2022: 966,000 शिकायतें
2021: 452,000 शिकायतें
2020: 257,000 शिकायतें
2019: 26,049 शिकायतें