Adani-Hindenburg: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों ने भरी उड़ान, 18 फीसदी तक आई तेजी

Updated : Jan 03, 2024 12:27
|
Editorji News Desk

Adani-Hindenburg Case: अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 3 जनवरी को दिए गए फैसले में सेबी को जांच के लिए 3 महीने का और समय दिया है. फैसले के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी तेज़ी देखी गई. अडाणी के शेयरों में 18 फीसदी का उछाल देखने को मिला. ग्रुप की सभी 10 लिस्टेड कंपनियों के शेयर हरे निशान पर कारोबार कर रहे हैं.

अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयरों में सबसे ज्यादा 18 फीसदी उछाल आया. जबकि, अडाणी टोटल गैस में 10 फीसदी और एनडीटीवी में 11 फीसदी तेजी आई. अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडानी विल्मर, अडाणी एंटरप्राइजेज और अडाणी पावर के शेयरों में पांच से नौ फीसदी तेजी आई है। इसी तरह अडाणी पोर्ट्स में 6 फीसदी तक तेजी देखी जा रही है. इसके साथ ही अडाणी ग्रुप का मार्केट कैप 15 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है.

बता दें कि चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने ये फैसला सुनाया.

कोर्ट के मुताबिक, सेबी ने 22 में से 20 मामलों की जांच पूरी कर ली है. अन्य दो मामलो में कोर्ट ने सेबी को 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस ने कहा कि सेबी के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में प्रवेश करने की कोर्ट की शक्ति सीमित है यानी कि अदालत सेबी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देगा. कोर्ट ने ये भी कहा कि सेबी के जांच के नियमों में कोई कमी नहीं है और एसआईटी को इस मामले की जांच नहीं सौंपी जाएगी. जांच ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है.

अडाणी हिंडनबर्ग मामला क्या है?

अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने पिछले साल 24 जनवरी को अडाणी ग्रुप (Adani Group) के बारे में एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग और शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को इस मामले की जांच करने को कहा था और रिपोर्ट सबमिट करने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया था. 14 अगस्त को SEBI ने अपनी जांच पूरी करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 15 दिन का समय और मांगा. 25 अगस्त को सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट फाइल कर बताया कि 22 जांच फाइनल हो चुकी हैं और 2 अधूरी हैं. 24 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख कहा था  कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सही मानने की ज़रूरत नहीं है.

वहीं, अडाणी ग्रुप की बिजनेस आर्म अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक ​​​​​​जोन ​लिमिटेड (APSEZ) की 2017 से ऑडिटर रही डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स ने ऑडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया था. डेलॉइट ने अडाणी ग्रुप पर विचारों में मतभेद सहित कई बड़े आरोप लगाए थे. डेलॉइट ने अडाणी पोर्ट के तीन ट्रांजेक्शंस को लेकर चिंता जाहिर की थी.

वित्त वर्ष 2023 के फाइनेंशियल स्टेटमेंट में डेलॉइट ने बताया था कि अडानी पोर्ट्स ने म्यांमार में अपने कंटेनर्स बचने के लिए सोल एनर्जी लिमिटेड के साथ दोबारा से कीमतों और दूसरी चीजों को नेगोशिएट किया. इसके चलते कंपनी को 1,273.38 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. अब MSKA एंड एसोसिएट्स को अडानी ग्रुप का नया ऑडिटर अपॉइंट किया.

ये भी देखें: नए साल में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेल्स में टेस्ला का छिन सकता है ताज, चीन की ये कंपनी मारेगी बाजी
 

 

Adani Group

Recommended For You

editorji | बिज़नेस

Petrol Diesel Rates on July 05, 2024: पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें हुईं अपडेट, चेक करें

editorji | भारत

Mukesh Ambani और Sonia Gandhi में क्या हुई बातचीत? मुलाकात के पीछे थी ये बड़ी वजह

editorji | बिज़नेस

Share Market की उड़ान जारी, लगातार दूसरे दिन बना ये बड़ा रिकॉर्ड

editorji | बिज़नेस

'Koo' होगा बंद, कंपनी के को-फाउंडर्स ने दी जानकारी

editorji | बिज़नेस

India में गरीबी घटकर 8.5 प्रतिशत पर आईः NCAER Study