India's May Services PMI: जैसा कि दुनिया में कई विकसित देशों की अर्थव्यवस्थायें चुनौतियों का सामना कर रही हैं, वहीं भारत की इकोनॉमी मजबूत हालत में बनी हुई है. कुछ दिनों पहले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector) में ग्रोथ दर्ज होने के बाद अब सर्विस सेक्टर (Service Sector) में भी ग्रोथ पॉजिटिव बनी हुई है. हालांकि मई में भारत की सर्विसेज PMI यानी पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स में मामूली गिरावट दर्ज की गई है. सर्विस सेक्टर की पीएमआई घटकर 61.2 के स्तर पर आ गई है जो कि अप्रैल में 62 पर थी. एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) ने 5 जून को ये डेटा जारी किया है. डेटा के मुताबिक, मई में देश की सर्विसेज PMI 13 साल के दूसरे सबसे हाईएस्ट लेवल पर रही है.
बता दें कि भारत की सर्विसेज पीएमआई लगातार 22 महीने 50 से अधिक रही है. गौरतलब है कि पीएमआई आंकड़ों मे 50 को आधार माना जाता है. सर्विसेज पीएमआई का 50 के स्तर से अधिक होना सर्विस सेक्टर में होने वाली गतिविधियों में विस्तार का संकेत देता है. वहीं, अगर यह स्तर 50 से कम रहता है तो इसका मतलब है कि सर्विस सेक्टर मे गतिविधियां कम हो रही हैं. ऐसे में अगर मई में पीएमआई के आंकड़ों में ये गिरावट आई भी है तो भी इससे सर्विस सेक्टर में मजबूती का संकेत मिलता है.
सर्विसेज पीएमआई का यह आंकड़ा 400 सर्विस कंपनियों के सर्वे के आधआर पर तैयार किया गया है. इनमें ट्रांसपोर्ट (Transportation), इंफॉर्मेशन (Information), कम्युनिकेशन (Communication), इंश्योरेंस (Insurance), फाइनेंस (Finance), रियल एस्टेट (Real Estate), नॉन रिटेल कंज्यूमर सर्विसेज (Non-Retail Consumer Services) और बिज़नेस सर्विसेस (Business Services) से संबंधित कंपनियां शामिल हैं.
एस एंड पी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में इकॉनोमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लीमा (Pollyanna De Lima, Economics Associate Director at S&P Global Market Intelligence) के मुताबिक, खाद्य उत्पादन की लागतों, इनपुट, ट्रांसपोर्टेशन और श्रम की लगातार बढ़ती कीमतों का असर सर्विस प्रोवाइडर्स पर देखा जा रहा है.
बता दे कि 1 जून को मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के आंकड़े भी जारी किए गए जिनके मुताबिक कई सेक्टर्स में डिमांड में बढ़ोतरी हुई है. मैन्युफैक्चरिंग PMI मई महीने में 58.7 रही जो कि अप्रैल में 57.2 थी. यह पीएमआई 31 महीने में सबसे ज्यादा है.
पीएमआई यानी कि पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स से देश की आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाता है. इससे मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में होने वाले बदलाव का पता चलता है. ये पीएमआई 5 कारकों पर आधारित होती है जिनमें नए ऑर्डर, इन्वेंटरी स्तर, प्रोडक्शन, सप्लायर्स डिलीवरी और रोजगार शामिल हैं.