सुप्रीम कोर्ट से मिले निर्देश के बाद शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में नेताओं के भड़काऊ भाषण देने के मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और अन्य को 12 मार्च तक अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हिंसा से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एकसाथ 12 मार्च को की जाएगी. इसी के साथ अदालत ने आदेश दिया कि हिंसा में मारे गए लोगों के डीएनए सैंपल को सुरक्षित रखा जाए. सभी सरकारी अस्पताल शवों के पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी भी कराएं. साथ ही जिन शवों की पहचान नहीं हुई है, उन्हें सुरक्षित रखा जाए. इसके अलावा हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम प्रकाशित करने की बृंदा करात की जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस भी जारी किया.