केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइज़ेशन पाइपलाइन को लॉन्च कर दिया है, इस प्लान के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी ऐसे एसेट्स की सूची बनाई जाएगी, जिन्हें सरकार अगले 4 साल में बेचने की कोशिश करेगी. हालांकि इस दौरान वित्तमंत्री ने साफ किया कि सिर्फ अंडर यूटिलाइज्ड एसेट्स को ही बेचा जाएगा और इनका मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा. निजी सेक्टर के पार्टनर को तय सीमा के बाद इसे जरूरी रूप से वापस करना होगा. वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया कि इससे निवेशकों को एक तरह की विजिबिलिटी मिलेगी और सरकार इसके जरिए 6 लाख करोड़ की राशि हासिल करने की कोशिश करेगी
National Monetisation Pipeline के मुताबिक
- फाइनेंशियर ईयर 2022 से 2025 तक 6 लाख करोड़ के एसेट्स बेचे जा सकते हैं
- National Monetisation Pipeline में कई मंत्रालयों को शामिल किया गया है
-सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग, रेलवे, बिजली, पाइपलाइन और नेचुरल गैस शामिल हैं
-सिविल एविएशन, शिपिंग पार्ट्स एंड वॉटरवे, टेलिकम्यूनिकेशंस, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण
-माइनिंग, कोल एंड हाउसिंग अर्बन अफेयर्स को भी इसमें शामिल किया गया है
-2025 तक नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान का 14% हिस्सा रेलवे से आएगा
-रेलवे स्टेडियम, रेलवे स्टेशन, ट्रेन माउंटेन वगैरह भी बेचे जाएंगे
-शिपिंग में 9 मेजर पोर्ट बेचे जाएंगे और रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी
-दो नेशनल स्टेडियम भी बेचे जाने की लिस्ट में हैं
-अगले चार साल के वार्षिक टारगेट सेट किए दाएंगे