देश की आर्थिक सेहत को लेकर सरकार भले ही कुछ भी कहे लेकिन आंकड़ों की मानें तो हालात अच्छे नहीं हैं. शुक्रवार को खुद सरकार की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी तिमाही के दौरान भी देश विकास दर में गिरावट दर्ज की गई. पहले विकास दर 5 फीसदी पर थी जो अब गिर कर 4.5 फीसदी पहुंच गई है. ये बीते छह सालों में सबसे बड़ी गिरावट है. चिंता केवल यहीं तक सीमित नहीं है. इंडस्ट्री के कोर सेक्टरों का प्रदर्शन भी निराशाजनक है. एक साल पहले के मुकाबले कोर सेक्टर में 5.8 फीसदी की कमी आई है. इस सेक्टर में कोयला, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं. वहीं राजकोषीय घाटा भी बढ़ा है और यह अपनी तय सीमा को पार कर गया है. जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में सरकार को 6.83 ट्रिलियन रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि खर्च 16.55 ट्रिलियन का किया गया.