अक्सर विवादों में रहने वाले यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपना लिया है. सोमवार सुबह ही गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने वसीम रिजवी को हिंदू धर्म ग्रहण करवाया. जिसके बाद उनका नाम बदलकर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गया है. धर्म परिवर्तन के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है जिसमें काफी अच्छाई पाई जाती हैं. कुछ दिन पहले ही अपनी वसीयत सार्वजनिक करते हुए रिजवी ने ऐलान किया था कि उन्हें मरने के बाद दफनाया ना जाए बल्कि हिंदू रिति रिवाजों से अंतिम संस्कार किया जाए और यति नरसिम्हानंद ही उनकी चिता को अग्नि दें. वैसे आपको बता दें कि वसीम रिजवी का विवादों से चोली-दामन का साथ रहा है, आइए एक नजर डालते हैं कौन हैं वसीम रिजवी-
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कौन हैं वसीम रिजवी ?
- फिल्म निर्माता भी हैं शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी
-नगर निगम का चुनाव लड़ने से हुई राजनीतिक सफर की शुरुआत
-वर्ष 2000 में लखनऊ में सपा के नगरसेवक चुने गए
-धन के दुरुपयोग का आरोप लगा, सपा से 6 साल के लिए निष्कासित किए गए
-वसीम रिजवी ने 'मोहम्मद' किताब लिखी जिसपर काफी विवाद हुआ
वसीम रिजवी अपने बयानों के चलते अक्सर मुस्लिम समुदाय के निशाने पर रहे और समय-समय पर उन्हें भारी विरोध का भी सामना करना पड़ा. इसी का परिणाम था कि हिंदू धर्म अपनाते हुए रिजवी ने कहा कि मैंने इसलिए धर्म परिवर्तन किया क्योंकि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया और हर शुक्रवार को मेरे सिर पर ईनाम बढ़ा दिया जाता है. आइए एक नजर डालते हैं कि किन विवादों के चलते वसीम रिजवी को झेलना पड़ा विरोध-
विवादों से पुराना नाता !
- कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे रिजवी
-इस्लामी मदरसों को बंद करने की मांग, झेलना पड़ा भारी विरोध
-रिजवी ने बाबरी ढांचे को हिंदुस्तान की धरती पर कलंक बताया
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रिजवी के इन्हीं बयानों के चलते उन पर इस्लाम विरोधी होने का भी आरोप लगा और उन्हें इस्लाम से भी खारिज कर दिया गया. हिंदू धर्म अपनाने के बाद अब रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ गए हैं.