बिहार में बाढ़ का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य के अब 16 जिलों की 75 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है. आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि राहत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. हालात इसलिए और बिगड़े क्योंकि मंगलवार देर शाम नेपाल के तराई इलाकों और चंपारण के कुछ हिस्सों में तेज बारिश शुरू हो गई. मौसम विभाग ने यहां तीन दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. ऐसे में गंडक, बूढ़ी गंडक और बागमती जैसी नदियां फिर से बाढ़ क्षेत्र को खतरे में डाल सकती हैं. मुजफ्फरपुर, वैशाली, चंपारण, सरैया, पारू और साहेबगंज में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इस बीच सरकार के मुताबिक छह लाख 69 हजार बाढ़ पीड़ित परिवारों के खाते में छह-छह हजार की राशि भेज दी गई है. जल्दी ही बाकी बचे पीड़ितों को भी राशि भेज दी जाएगी. बाढ़ प्रभावितों के लिए राज्य में 1204 सामुदायिक किचन चलाए जा रह हैं, जहां पर अभी प्रतिदिन नौ लाख 30 हजार लोगों को भोजन कराया जा रहा है. इसके अलावा 12 हजार 500 लोगों को राहत केन्द्रों में रखा गया है.