Farmers Protest: किसानों के आंदोलन पर सस्पेंस बरकरार है, ऐसा लग रहा था कि मंगलवार को आंदोलन खत्म होने का ऐलान हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर मंगलवार को बैठक की, लेकिन कई मुद्दों पर किसान नेताओं ने ऐतराज जताया. इन ऐतराजों पर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार को पत्र भेजा गया है और SKM ने उम्मीद जताई है कि बुधवार दोपहर को अहम बैठक से पहले इसका जवाब आ जाएगा. आइए आपको बताते हैं कि मंगलवार को आखिर कहां फंसा पेंच.
कहां फंसा पेंच?
सरकार ने जो प्रस्ताव संयुक्त किसान मोर्चा को भेजा है उसमें कहा गया है कि किसान पहले आंदोलन खत्म करें, फिर उन पर दर्ज मुकदमे वापिस होंगे. लेकिन किसानों का कहना है कि पहले मुकदमे खारिज हों तब आंदोलन वापस लिया जाएगा.
MSP पर सरकार ने केंद्र, राज्य, कृषि विशेषज्ञों और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों के साथ कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया है. लेकिन किसानों का कहना है कि आंदोलन हमने किया है तो कमेटी में हमारे सदस्य होने चाहिए. क्या पता सरकार कृषि कानूनों के समर्थकों को कमेटी में रख दे.
आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजे पर केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दी है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि पंजाब मॉडल के तहत ही पीड़ित किसानों के परिवार वालों को 5 लाख का मुआवजा और नौकरी दी जाए.
पराली और बिजली पर कुछ हद तक बात बन गई है, लेकिन अभी कुछ पर बात बननी बाकी है.