दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में 15 हजार के न्यूनतम वेतन पर जिंदगी गुजारना मुश्किल है.कोर्ट ने ये टिप्पणी दिल्ली के व्यापार और उद्योग संघ की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की
इस याचिका में सभी श्रेणी के श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन को संशोधित करने जुड़ी 2019 की अधिसूचना और महंगाई भत्ता तय करने के श्रम विभाग के दिसंबर 2020 के आदेश को चुनौती दी गई है.कोर्ट ने सरकार के कदम पर रोक लगाने से इनकार किया है लेकिन साथ ही दिल्ली सरकार को नोटिस भेज कर जवाब भी मांगा है.दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि न्यूनतम वेतन तय करने से पहले एक न्यूनतम वेतन परामर्श बोर्ड बनाया गया था और इसमें सभी पक्षों के साथ बात की गई.