दिल्ली की एक अदालत ने बीते दिनों जंतर -मंतर पर भड़काऊ नारेबाज़ी केस में आरोपी भूपेंद्र उर्फ पिंकी चौधरी की अग्रिम ज़मानत अर्जी खारिज करते हुए बेहद सख्त टिप्पणी की है .कोर्ट ने कहा कि देश में तालिबान स्टेट नहीं है. गिरफ्तारी से बचने के लिए पिंकी ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंतिल ने 21 अगस्त को आदेश पारित करते हुए कहा कि
हम तालिबान स्टेट नहीं हैं. हमारे बहुल और बहुसांस्कृतिक समाज में कानून के पवित्र शासन का सिद्धांत है. जब पूरा भारत आज़ादी का अमृत महोत्सव (स्वतंत्रता दिवस) मना रहा है तब कुछ लोग अभी भी असहिष्णु और आत्मकेंद्रित विश्वासों के साथ जकड़े हुए हैं. दरअसल बीती 8 अगस्त को दिल्ली के जंतर- मंतर पर बिना इज़ाजत एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था, आरोप है कि इस दौरान कुछ लोगों ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाए थे, बाद में इस घटना का वीडियो भी वायरल हो गया था. इसी मामले में गाजियाबाद के रहने वाले पिंकी चौधरी का भी नाम सामने आया था, पिंकी चौधरी वही शख्स है जिसने साल 2020 में जेएनयू में हुई हिंसा की जिम्मेदारी भी ली थी और वो लगातार टीवी चैनलों की डिबेट में आकर ऐसी बयानबाजी का समर्थन भी कर रहा था.