प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) के इस्तेमाल को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) ने नेशनल कोविड टास्क फोर्स से अलग राय रखी है. 3 लाख से ज्यादा डॉक्टरों के समूह वाली इस संस्था ने प्लाज्मा थेरेपी पर भरोसा जताया है.
आईएमए के वित्त सचिव डॉ अनिल गोयल के मुताबिक, प्लाज्मा थेरेपी मरीज के तीमारदार की मंजूरी से दी जा सकता है. इसे ऑफ लेबल किया गया है, मना नहीं किया है.
इससे पहले, नेशनल कोविड टास्क फोर्स ने प्लाज्मा थेरेपी को देश में कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से हटाते हुए कहा था कि ये इलाज में असरदार नहीं है. टास्क फोर्स का दावा है कि लंबी स्टडी और साइंटिफिक फैक्ट से ये नतीजा निकला है कि प्लाज्मा थेरेपी से फायदा नहीं है.
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