कांग्रेस के कद्दावर नेता अहमद पटेल अब इस दुनिया में नहीं हैं. 71 साल के पटेल लंबे समय से कोरोना से जंग लड़ रहे थे लेकिन बुधवार सुबह वे इस लड़ाई को हार गए. उनके निधन पर PM मोदी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित तमाम नेताओं ने भावुक संदेश लिखे हैं...हो भी क्यों न कांग्रेस ने बीते 4 दशकों में जितनी भी बड़ी कामयाबियां या फिर नाकामियां देखी हैं अहमद पटेल उसके गवाह रहे हैं. नेपथ्य में रहकर वे हमेशा ही 10 जनपथ के चाणक्य की भूमिका निभाते रहे. तमाम उठापटक के बीच उनकी निष्ठा असंदिग्ध रही. पार्टी के लिए साधन जुटाने का काम हो, किसी संकट से किसी को उबारने का काम हो, अहमद पटेल इसमें माहिर थे. घनघोर कांग्रेसी होने के बावजूद तमाम पार्टियों में उनके चाहने वालों कमी नहीं थी. आइए उनके सफर पर डालते हैं एक नजर
HEADER- 10 जनपथ के 'चाणक्य' थे अहमद पटेल
28 साल की उम्र में ही सांसद बन गए थे अहमद पटेल
1977 में भरूच लोकसभा सीट से जनता पार्टी के आंधी में भी जीते
8 बार संसद के सदस्य रहे, 3 बार लोकसभा और 5 बार राज्यसभा के
1977 से 1982 तक यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे
1986 में गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष बने
साल 2001 से ही सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे
साल 2017 में कड़े मुकाबले में 5 वीं बार राज्यसभा सदस्य बने
21 अगस्त 1949 को गुजरात के भरूच जिले के पिरामण गांव में जन्मे अहमद पटेल ने भारतीय राजनीति के कई बदलते मौसमों को काफी करीब से देखा था लेकिन खुद कभी नहीं बदले. हर संकट में वे आलाकमान के साथ न सिर्फ खड़े रहे बल्कि उन्हें इससे उबारा भी. जाहिर है उन्हें खोकर कांग्रेस ने अपना एक बेहद मज़बूत सिपाही खो दिया है.