इम्यून सिस्टम के सही विकास के लिए किसी भी नवजात बच्चे के शुरु के कुछ साल बेहद अहम होते है. खासकर शुरू के 5 साल बच्चों की इम्यूनिटी को शेप देने के लिहाज से बेहद जरूरी है. इसीलिए कम उम्र में ही सही पोषण का ध्यान देना और भी बेहद जरूरी हो जाता है. छोटे-छोटे बच्चों की खाने में रूची बनी रहे इसीलिए मम्मियां अपने बच्चों के खाने में फ्लेवर्स बदलती और एक्सपेरीमेंट्स करती हैं. लेकिन खाने में इस्तेमाल होने वाली कुछ ऐसी चीजें भी हैं जो आपके बच्चे के लिए खतरनाक हो सकते हैं. जिनके बारे में आपको शायद ही पता है. आइये जानते हैं.
ना दें ज्यादा नमक
इस लिस्ट में सबसे पहले नाम आता है नमक का. शिशुओं को अधिक नमक खाने की जरूरत नहीं होती क्योंकि उनकी किडनी इसके लिए तैयार नहीं होते. NHS UK की सलाह मानें तो अगर अपने बच्चे को वहीं खिलाते हैं जो आप खाते हैं तो ऐसे में आप भी बैकन, फ्राइस, क्रैकर्स, चिप्स और पैक्ड फूड खाने से बचें और बच्चे को भी इससे दूर रखें
अधिक शुगर वाले ड्रिंक्स, कैंडी ना दें
इस फूड लिस्ट में दूसरा नाम शक्कर का है जिसकी बच्चों को जरूरत नहीं. इसीलिए शुगरी स्नैक्स, ड्रिंक्स जैसी चीजों को अव्यॉड करें. स्टडीज़ बताती है कि बचपन में खास कर एक से दो साल की उम्र में अधिक शक्कर वाली चीजें बाद में दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है.
बच्चों के लिए शहद हो सकता है खतरनाक
अगर आपका बच्चा 2 साल से छोटा है तो किसी भी रूप में शहद ना दें. ऐसा इसलिए क्योंकि शहद में कुछ ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो बच्चों के आंतों में पहुंचकार नुकसान पहुंचाते हैं और बोटूलिज्म बीमारी का कारण बनते हैं.
खट्टे फल ना खिलाएं
बच्चों को नहीं दिये जाने वाली चीजों में अगला नाम सीट्रस फ्रूट्स यानि खट्टे फलों का है. खट्टे फल और जूस विटामिन सी से भरपूर होते हैं और ये एसिडिक होते हैं. इससे 2 महीने तक बच्चों में एसिडिटी और पेट में दर्द की समस्या हो सकती है.
खाने में ना दें नट्स और सीड्स
बात जब नट्स और सीड्स की हो तो ये सभी जानते हैं कि गले में फंसने की वजह से ये कितना खतरनाक हो सकता है इसीलिए कम से कम 5 साल तक के बच्चों को ये खिलाने से बचें. लेकिन इनकी जगह आप नट बटर जरूर बच्चे को खिला सकती है. स्टडी भी बताती है बच्चों के डायट में थोड़ा पीनट बटर शामिल करने से बच्चे को इस बटर से होने वाली एलर्जी से बचाया जा सकता है.
वैसे तो ये सारे फैक्टस रिसर्च और स्टडीज़ पर बेस्ड है लेकिन फिर भी अपने बच्चे के डायट में तुरंत बदलने से पहले आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें